हैदराबाद :तेलंगाना उच्च न्यायालय ने एक लड़की को गर्भपात कराने की अनुमति दी है. पेश मामले में लड़की रिश्तेदार के धोखे में आकर गर्भवती हो गयी. रिश्तेदार ने बहला फुसलाकर 15 वर्षीय पीड़िता को उसके घर से बाहर ले गया और उसका यौन शोषण किया. पीड़िता के परिजन जब उसका गर्भपात कराने के लिए निलोफर अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने गर्भपात करने से इंकार कर दिया. डॉक्टरों ने कहा कि इस गर्भपात लिए कानूनन अनुमति की आवश्यकता है.
इसके बाद उसकी मां ने लड़की की ओर से तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट ने लड़की की मां के इस बयान से सहमति जताई कि 15 साल की बच्ची के गर्भवती होने से उसे मानसिक और शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा. हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर लड़की स्वेच्छा से अपने रिश्तेदार के साथ गयी, भले ही वह सहमति से यौन संबंध बनायी लेकिन इसे बलात्कार माना जाएगा. अदालत ने कहा, 'नाबालिग गर्भवती लड़की व्यक्तिगत गरिमा के साथ जीने का अधिकार खो देगी, जिसका उसपर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ेगा. बलात्कार के कारण होने वाली अवांछित गर्भधारण को समाप्त किया जा सकता है. लेकिन उससे पहले लड़की से बात करनी होगी.
अदालत ने कहा कि अस्पताल के अधीक्षक को लड़की और उसकी मां से अलग-अलग बात करनी चाहिए. गर्भपात के सभी परिणामों की व्याख्या करें, और यदि दोनों पक्ष सहमत हैं, तो गर्भपात बिना देर किए किया जाना चाहिए.' पेश मामले में बंजारा हिल्स की एक 15 वर्षीय लड़की ने आठवीं तक पढ़ाई की है. वह अपने माता-पिता के साथ रह रही है. वहीं, खम्मम का रहने वाला आरोपी शादीशुदा दो बच्चों का पिता (26), पिछले साल नवंबर महीने में किसी निजी काम से लड़की के घर गया था.