नई दिल्ली :छत्तीसगढ़ व राजस्थान की घटनाओं पर भाजपा वहां की कांग्रेस सरकारों से जवाब मांग रही है. भारतीय जनता पार्टी लखीमपुर खीरी की घटना के बाद से लगातार विपक्षियों के निशाने पर है. किसान आंदोलन से लेकर लखीमपुर खीरी की घटना मैं जिस तरह से तमाम विपक्षियों की लामबंदी नजर आई उसने कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी को खासा नुकसान पहुंचाया है और इसका विरोध सबसे ज्यादा कांग्रेस ने ही किया है.
उत्तर प्रदेश की लखीमपुर घटना में तो कांग्रेस के तमाम केंद्रीय नेताओं समेत राज्यों के नेताओं ने भी राज्य सरकार और भाजपा पर चौतरफा हमला किया. जिस पर बीजेपी अभी तक डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाई है. मगर लगे हाथ छत्तीसगढ़ की घटना और दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन मंच के पास हुई एक दलित युवक को पीट-पीटकर मारने की घटना सहित राजस्थान में दलित युवक की हुई बेरहमी से हत्या मामलों से बीजेपी ने कांग्रेस को घेरने की रणनीति बनाई है.
इन घटनाओं के बाद ही बीजेपी का आईटी विभाग सक्रिय हो चुका है लेकिन सूत्रों की मानें तो पार्टी ने अपने सभी नेताओं और केंद्रीय नेताओं को इन मुद्दों को सार्वजनिक कार्यक्रमों में जोर शोर से उठाने और कांग्रेस से जवाब मांगने संबंधित निर्देश दिए हैं. पार्टी चाहती है कि किसान आंदोलन के नाम पर जिस तरह भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार को दोषी ठहराया गया और कटघरे में खड़ा किया गया. ठीक उसी तरह बीजेपी के तमाम नेता भी चौतरफा लामबंद हो होकर कांग्रेस पर चढ़ाई करें.
यही नहीं सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगी पार्टियों से भी इन मुद्दों को अपने-अपने राज्य में उठाने और जनता के सामने रखने की अपील की है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने कहा कि एक दलित युवक को जिस तरह सार्वजनिक तालिबानी तरीके से खुलेआम मारा गया, ऐसा लगता है कि किसान आंदोलन अपराधिक हाथों में चला गया है.