नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को पीएम से जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के इस आरोप पर कार्रवाई करने का आग्रह किया कि आरएसएस के पदाधिकारी राम माधव ने अंबानी समूह से संबंधित फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी. कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि हम पीएम को चुनौती देते हैं कि या तो जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करें या राम माधव के खिलाफ कार्रवाई करें, अगर मलिक के आरोप सही हैं.
उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी माधव से क्यों नहीं मिल रहे हैं. खेड़ा के मुताबिक, मलिक ने सोमवार को एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान इस मामले में माधव का नाम लिया था और उन्होंने पहले भी बिना किसी का नाम लिए इस तरह का जिक्र किया था. खेड़ा ने कहा कि अक्टूबर 2021 में, सत्यपाल मलिक ने खुलासा किया था कि आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने अंबानी समूह से संबंधित दो फाइलों को निपटाने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी.
उन्होंने कहा कि मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे और अक्टूबर 2021 में वे मेघालय के राज्यपाल थे. कांग्रेस मीडिया प्रमुख ने आगे कहा कि 2021 में मलिक के आरोपों के बाद, माधव ने स्वीकार किया था कि मलिक द्वारा संदर्भित व्यक्ति वह था और मेघालय के राज्यपाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी. खेड़ा के मुताबिक, मलिक ने सोमवार को दिए अपने इंटरव्यू में तीन बातें मानीं.
एक तो यह कि अगर उन्होंने दोनों फाइलों को स्वीकार कर लिया होता तो उन्हें 300 करोड़ रुपये मिल जाते. दूसरा यह कि एक हाइडल पावर प्रोजेक्ट से जुड़ी फाइलें और तीसरा एक बीमा कंपनी से जुड़ी बातें. खेड़ा ने कहा कि मैंने निजी बीमा बंद कर दिया और सीजीएचएस लागू कर दिया. मैंने कहा कि मैं बिल्कुल भी गलत काम नहीं करूंगा. इसमें दोष यह है कि सरकारी अधिकारियों को पैसा देना होगा और जो 4-5 अस्पताल इसमें चुने गए थे, वे बिल्कुल तीसरे दर्जे के अस्पताल थे.