नई दिल्ली : पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार पर रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में मंथन हुआ. बैठक में प्रियंका गांधी और राहुल गांधी भी शामिल हुए. बैठक की अध्यक्षता पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की. बैठक में हार के कारणों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया. जानकारी के मुताबिक बैठक में कई नेताओं ने राहुल और प्रियंका के पक्ष में आवाज उठाई है. बैठक से ठीक पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया में यह बयान दिया कि राहुल गांधी को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल लेनी चाहिए.
आपको बता दें कि सीडब्ल्यूसी की बैठक ऐसे समय हो रही है जब कांग्रेस ने पंजाब में सत्ता गंवा दी और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है. सोनिया गांधी पिछले कुछ समय से सक्रिय रूप से प्रचार नहीं कर रही हैं, प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक रहे हैं. साथ ही भाई-बहन की जोड़ी पार्टी के महत्वपूर्ण फैसलों में भी प्रमुख भूमिका निभाती है.
उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय प्रचार अभियान के बावजूद, राज्य में कांग्रेस 403 विधानसभा सीटों में से केवल दो पर जीत हासिल कर सकी. कांग्रेस की वोट हिस्सेदारी भी कम होकर 2.33 प्रतिशत हो गई और उसके अधिकतर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. पार्टी की 2019 के आम चुनावों में लगातार दूसरी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में फिर से पार्टी की बागडोर संभाली थी. उन्होंने ने भी अगस्त 2020 में पार्टी नेताओं के एक वर्ग जी-23 द्वारा खुले विद्रोह के बाद पद छोड़ने की पेशकश की थी, लेकिन सीडब्ल्यूसी ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया था.
इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के जी 23 समूह के कई नेताओं ने शुक्रवार को भी बैठक की, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गयी. राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी शामिल हुए. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस कार्य समिति में शामिल जी 23 के नेता सीडब्ल्यूसी की बैठक में चुनावी हार का मुद्दा और पार्टी संगठन में जरूरी बदलाव और जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपनी पुरानी मांग उठा सकते हैं. जी 23 समूह के प्रमुख सदस्य गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा कांग्रेस कार्य समिति में शामिल हैं.
हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उन खबरों को गलत और शरारती करार देते हुए खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि गांधी परिवार के सदस्य पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने पार्टी में किसी बड़े बदलाव को खारिज कर दिया. उन्होंने ट्विटर पर कहा कि कथित इस्तीफे की खबरें अनुचित, शरारती और गलत हैं. सुरजेवाला ने कहा कि एक टीवी चैनल के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर काल्पनिक स्रोतों से निकलने वाली इस तरह की निराधार दुष्प्रचार कहानियों को प्रसारित करना अनुचित है.
लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने कहा, 'अफवाह फैलाने वालों के चेहरे लटक जाएंगे.' इस बीच, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बजट सत्र के दूसरे हिस्से के लिए रणनीति पर चर्चा करने के वास्ते रविवार सुबह अपने आवास पर पार्टी के संसदीय रणनीति समूह की बैठक की. बजट सत्र का दूसरा हिस्सा सोमवार शुरू हो रहा है. गांधी कांग्रेस के संसदीय दल की अध्यक्ष भी हैं.
कांग्रेस के जी 23 समूह में शामिल नेताओं ने अगस्त, 2020 में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में सक्रिय अध्यक्ष और संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन की मांग की थी. इस समूह के दो नेता जितिन प्रसाद और योगानंद शास्त्री अब कांग्रेस छोड़ चुके हैं. जी-23 नेताओं ने पिछले विधानसभा चुनावों के बाद सुधारात्मक उपायों का सुझाव दिया था, जब कांग्रेस पुडुचेरी में चुनाव हार गई थी और केरल, असम और पश्चिम बंगाल में कोई अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रही, लेकिन उस मोर्चे पर बहुत कम काम हुआ.