नई दिल्ली :गुजरात और राजस्थान में कांग्रेस आदिवासियों को लुभाने की पूरी कोशिश कर रही है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को गुजरात के दाहोद में पार्टी के आदिवासी अधिकार सत्याग्रह की शुरुआत करेंगे. वहीं, पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी (party chief Sonia Gandhi) और राहुल गांधी उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर (Chintan Shivir) के समापन अवसर पर 16 मई को राजस्थान के बांसवाड़ा में जनजातीय रैली को संबोधित करेंगे.
आदिवासी, पुरानी पार्टी (कांग्रेस) के पारंपरिक समर्थक रहे हैं. गुजरात की लगभग 47 विधानसभा सीटों पर उनका प्रभाव है. पार्टी के नेताओं ने पिछले कुछ महीनों में समुदाय की दुर्दशा को उजागर करने के लिए एक विरोध आंदोलन शुरू किया था. पार्टी ने प्रस्तावित पार-तापी-नर्मदा नदी जोड़ने की परियोजना (Par-Tapi-Narmada river linking project) के खिलाफ एक आंदोलन शुरू किया था. इसकी वजह से लगभग 50,000 परिवारों पर विस्थापन का खतरा है.
आदिवासी नेता, गुजरात सीएलपी नेता सुखराम राठवा ने कहा, 'हम आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं.' आदिवासी रैली के बाद राहुल पार्टी विधायकों से बातचीत करेंगे और क्षेत्र के आदिवासी नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. गुजरात कांग्रेस प्रमुख जगदीश ठाकोर (Gujarat Congress chief Jagdish Thakor) ने कहा, 'जल, जंगल, ज़मीन आदिवासियों के लिए हमारी प्रतिबद्धता रही है. ये केवल शब्द नहीं, शक्ति हैं. ये मूल्य और विश्वास हैं. अपनी शक्ति, मूल्यों और विश्वास की रक्षा के लिए, कांग्रेस तब तक लड़ेगी जब तक हम जीत नहीं जाते.'