नई दिल्ली :राज्य सरकार के प्रतिबंधों के बावजूद 14 जनवरी को मणिपुर के इंफाल से राहुल गांधी की पूर्व-से-पश्चिम यात्रा की सफल शुरुआत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस भारी संसाधन जुटा रही है.
मणिपुर के एआईसीसी प्रभारी गिरीश चोदनकर ने ईटीवी भारत से कहा कि 'सभी कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य, एआईसीसी महासचिव, पीसीसी प्रमुख, सीएलपी नेता, मुख्यमंत्री और अन्य लोग 14 जनवरी को इंफाल में जुटेंगे. राज्य सरकार ने यात्रा शुभारंभ स्थल पैलेस ग्राउंड में व्यक्तियों की संख्या 1,000 से अधिक नहीं होने की बात कह सीमित कर दी है. यह इजाजत भी हमें बड़ी मुश्किल से मिली.'
उन्होंने कहा कि 'सच तो यह है कि बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहते हैं. हम वैकल्पिक व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरे आयोजन स्थल की अनुमति मांगी है.'
उन्होंने कहा कि 'यात्रा देश के लोगों के प्रति राहुल गांधी की प्रतिबद्धता है और हम कल एक सफल शुरुआत सुनिश्चित करेंगे.' एआईसीसी प्रभारी के अनुसार, राहुल स्थानीय लोगों की मदद के लिए पिछले साल संघर्षग्रस्त मणिपुर पहुंचने वाले पहले राष्ट्रीय नेता थे और प्रतिबंधों के बावजूद वह अपनी योजना से पीछे नहीं हटेंगे.
गिरीश ने कहा कि 'यह उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा है. जब उचित परामर्श के बाद शुरुआती बिंदु के रूप में मणिपुर को अंतिम रूप दिया गया था तो वह योजनाओं को कैसे बदल सकते थे. यह योजना न्याय को केंद्र में रखकर बनाई गई थी और मणिपुर के लोग न्याय का इंतजार कर रहे हैं.'
यह यात्रा 15 राज्यों में लगभग 6,700 किमी की दूरी तय करेगी और 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी. रसद और सुरक्षा कारणों से, यात्रा बस काफिले के माध्यम से मणिपुर और पड़ोसी नागालैंड से होकर गुजरेगी और राहुल गांधी की पूर्व की पहली पैदल यात्रा होगी. पश्चिम यात्रा असम से शुरू होगी जिसमें वह 18 जनवरी को प्रवेश करेंगे.