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खड़गे की ताजपोशी पर पार्टी की ताकत दिखाएगी कांग्रेस

कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 26 अक्टूबर को कार्यभार संभालेंगे (Mallikarjun Kharge will take charge as congress chief). पार्टी इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए तैयारी में जुटी है. खड़गे का पदभार संभालने का कार्यक्रम कांग्रेस के लिए ताकत दिखाने का भी मौका है, वह इसमें कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Congress to stage show of strength
पार्टी की ताकत दिखाएगी कांग्रेस

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Published : Oct 20, 2022, 10:29 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) 26 अक्टूबर को एआईसीसी मुख्यालय में कार्यभार संभालेंगे (Mallikarjun Kharge will take charge). ऐसे में कांग्रेस 26 अक्टूबर को ताकत दिखाने की योजना बना रही है. इसी के तहत संगठन के प्रभारी एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को एमपीएस, विधायकों, मुख्यमंत्रियों, पीसीसी प्रमुखों, पूर्व मुख्यमंत्रियों, एआईसीसी सदस्यों और अन्य दिग्गजों सहित सभी महत्वपूर्ण नेताओं को निमंत्रण भेजना शुरू कर दिया है.

केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने बुधवार को खड़गे को पार्टी के शीर्ष पद के लिए निर्वाचित घोषित किया था. मिस्त्री 26 अक्टूबर को खड़गे को चुनाव प्रमाण पत्र सौंपेंगे, जिसके बाद वह अंतरिम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से कार्यभार संभालेंगे.

एआईसीसी महासचिव जेपी अग्रवाल (AICC general secretary JP Agarwal) ने ईटीवी भारत को बताया कि 'कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष एक बहुत ही महत्वपूर्ण पद है. मल्लिकार्जुन खड़गे इसे संभालेंगे ऐसे में उनका भव्य स्वागत किया जाना चाहिए.'

सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा 26 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम में देश भर के शीर्ष पार्टी पदाधिकारियों के साथ खड़गे के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए मौजूद रहेंगे. खड़गे ऐसे समय में देश की सबसे पुरानी पार्टी की कमान संभालेंगे जब अगला लोकसभा चुनाव 2024 में होगा और उससे पहले लगभग 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे.

खड़गे का कार्यभार संभालना भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले 24 साल से पद गांधी परिवार के पास था. 1998 से 2017 तक सोनिया गांधी अध्यक्ष रहीं. राहुल 2017 में सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने गए और मई 2019 में राष्ट्रीय चुनाव हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया. पूर्णकालिक अध्यक्ष चुने जाने तक सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष के रूप में वापस लाया गया. पूर्व सांसद अग्रवाल के अनुसार, खड़गे पार्टी के शीर्ष पद के लिए उपयुक्त हैं और इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी.

अग्रवाल ने कहा, 'अध्यक्ष के रूप में खड़गे पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे, निर्देश देंगे, प्रमुख मुद्दों पर पार्टी की स्थिति को स्पष्ट करेंगे और संगठन को प्रबंधित और मजबूत करेंगे. पीएम और सीएम पदों के अलावा उन्होंने सभी प्रमुख पदों पर कार्य किया है.' उन्होंने कहा कि 'वह एक अनुभवी राजनेता और एक अच्छे इंसान हैं. वह सभी का सम्मान करते हैं. अनुभवी नेता होने का फायदा यह है कि वह सबको साथ लेकर चलते हैं. उनका किसी से कोई मुकाबला नहीं है.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्र और खड़गे के साथ काम करने यह मानते हैं कि उनकी निर्णय लेने की शैली उसी तरह की है जिसके लिए सोनिया गांधी जानी जाती हैं. इसके अलावा सोनिया गांधी और खड़गे में ये भी समानता है कि वह परस्पर विश्वास और सम्मान करते हैं.

हालांकि योजना यह थी कि खड़गे बुधवार को नए अध्यक्ष के रूप में चुने जाने के तुरंत बाद सोनिया गांधी से मिलने जाएंगे, लेकिन इसके बजाए सोनिया कार्यकर्ताओं को संदेश देने के लिए खुद प्रियंका के साथ बधाई देने खड़गे के आवास पर गईं.

अपनी ओर से खड़गे ने पार्टी के लिए सोनिया के बलिदान को पहचाना और कहा कि वह कांग्रेस के मुद्दों पर उनसे सलाह लेते रहेंगे. खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे. उन्होंने लोकसभा सांसद शशि थरूर को पार्टी के प्रमुख पद के लिए हुए चुनावों में भारी अंतर से हराया. हालांकि थरूर खेमे ने मतदान प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाया था. खड़गे ने जीत के बाद लोकसभा सांसद को धन्यवाद दिया और कहा कि वे मिलकर पार्टी को आगे ले जाएंगे.

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