नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) गुजरात में 22 नवंबर को रैलियां करेंगे. राहुल की रैली से पहले पार्टी उनकी राष्ट्रव्यापी यात्रा शुरू करने में उनकी 'तपस्या' को उजागर करेगी.
एआईसीसी गुजरात के प्रभारी सचिव बीएम संदीप कुमार (AICC secretary in charge of Gujarat BM Sandeep Kumar) ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि 'किसी अन्य भारतीय या विश्व नेता ने कभी भी सामाजिक कारण के लिए ऐसी यात्रा नहीं की है. कांग्रेस पार्टी के लिए यह गर्व की बात है कि हमारे नेता इतने बड़े पैमाने पर पैदल मार्च कर रहे हैं. पार्टी के बहुत से नेता चाहते हैं कि इस तथ्य को 22 नवंबर की रैलियों से पहले हरी झंडी दिखाई जाए (Rahuls Nov 22 Gujarat rallies).'
राहुल ने हिमाचल प्रदेश चुनाव अभियान छोड़ दिया था. वह 22 नवंबर को गुजरात के सौराष्ट्र और दक्षिणी क्षेत्रों में दो रैलियों को संबोधित करेंगे ताकि इस धारणा को दूर किया जा सके कि उन्होंने प्रमुख पश्चिमी राज्य पर ध्यान नहीं दिया.
राहुल 'भारत जोड़ो यात्रा' का नेतृत्व कर रहे हैं. वह 14 नवंबर तक 1800 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुके हैं. वह रोज करीब 23 से 25 किमी की यात्रा करते हैं. 22 नवंबर तक 2000 किमी की यात्रा पूरी कर लेंगे. राहुल ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक की 35 सौ किलोमीटर की यात्रा शुरू की थी.
गुजरात में रैलियों को यात्रा के लिए छुट्टी के दिन निर्धारित किया गया है, जो नवंबर के तीसरे सप्ताह तक मध्य प्रदेश में होगी. पार्टी के रणनीतिकारों के मुताबिक गुजरात के वोटरों को यह याद दिलाने की जरूरत है कि राहुल ने सामाजिक सद्भाव, अर्थव्यवस्था और सत्ता के विकेंद्रीकरण जैसे मुद्दों को उठाने के लिए देशव्यापी यात्रा की है. वह चुनावी लाभ के लिए ऐसा नहीं कर रहे हैं.
इसलिए, अगले सप्ताह एक बिल्ड-अप अभियान चलाया जाएगा जो पार्टी प्रबंधकों को गुजरात के मतदाताओं को याद दिलाने की अनुमति देगा कि 7 सितंबर को यात्रा शुरू करने से पहले, राहुल ने 5 सितंबर को अहमदाबाद में महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम का दौरा किया था.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात क्षेत्र पहले चरण के अंतर्गत आता है, जहां एक दिसंबर को मतदान होना है. राहुल की रैलियां इसी को ध्यान में रखकर तय की गई हैं. एआईसीसी के पदाधिकारी ने कहा कि 'राहुल के साथ कई सिक्योरिटी डिटेल का भी ध्यान रखना होता है. फिर हमारे केंद्रीय और प्रदेश के नेताओं के अलावा कार्यकर्ताओं को भी लामबंद करना होगा. जैसा कि हमें एक दिन में दो रैलियों को एडजस्ट करना होता है, ऐसे सभी इंतजामों के लिए काफी प्लानिंग की जरूरत होती है.'
दो रैलियों में से एक दक्षिण गुजरात में नवसारी के ट्राइबल हब में अर्ध-शहरी सेट अप में आयोजित की जा रही है. बीते महीनों में नवसारी जनजातियों के प्रदर्शन का केंद्र रहा है. यहां रैली कर लगभग 40 विधानसभा सीटों को प्रभावित करने वाले समुदाय के वोटों को लुभाने की कोशिश है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने गुजरात में 9 दिन बिताए हैं. उन्होंने दक्षिण गुजरात में तीन रैलियां की हैं, जिनमें से एक रैली नवसारी में की है. इसका मकसद ये संदेश देना है कि भारतीय जनता पार्टी को जनजातियों की फिक्र है.
गुजरात पार्टी अध्यक्ष अमित चावडा के मुताबिक 'इस चुनाव में कांग्रेस कई मुद्दों को उठा रही है, लेकिन निश्चित रूप से पूर्व पार्टी प्रमुख आदिवासियों की दुर्दशा का मुद्दा और राज्य सरकार की नाकामियों के उठाएंगे.'
पढ़ें- Bharat Jodo Yatra राहुल की यात्रा में सिख विरोध का राजनीतिक रोड़ा, डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस, पड़ाव में फेरबदल भी संभव