नई दिल्ली : कांग्रेस ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक से एक दिन पहले गुरुवार को कहा कि इस बैठक में गैर-भाजपा शासित राज्य उपकरण संबंधी राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए और अधिक कर्ज लेने की बजाय केंद्र सरकार से अनुदान की मांग करेंगे.
जीएसटी परिषद की बैठक से एक दिन पहले कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह जीवन रक्षक दवाओं और उपकरणों पर कर छूट की मांग करने जा रही है.
पार्टी नेता और पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य इस बैठक में अपनी दूसरी चिंताओं को भी उठाएंगे ताकि 'जीएसटी की व्यवस्था को सही करने' में मदद मिल सके.
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी और आपात स्थिति के चलते सभी राज्यों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है तथा कई कारोबार बंद हो गए हैं.
कई राज्यों के प्रतिनिधियों ने की चर्चा
बादल ने बताया कि पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, और केरल के प्रतिनिधियों ने बुधवार को डिजिटल बैठक की और जीएसटी परिषद की बैठक में आगे बढ़ाए जाने वाले मुद्दों और जीएसटी के ढांचे में सुधार के उपायों को लेकर चर्चा की.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, 'इस वक्त देश को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो लंबित मुद्दों का समाधान कर सके.'
बादल ने कहा कि महामारी के कारण भाजपा शासित राज्यों समेत सभी प्रदेश प्रभावित हुए हैं तथा ऐसे में जीएसटी की व्यवस्था में ढांचागत बदलाव करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, 'विपक्ष शासित राज्य बैठक में स्पष्ट तौर पर कहेंगे कि उन्हें केंद्र से अनुदान की जरूरत है तथा उपकर संबंधी राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र उन्हें और कर्ज लेने पर विवश नहीं कर सकता.'
बादल ने कहा कि जीएसटी परिषद का एक उपाध्यक्ष नियुक्त होना चाहिए और यह विपक्ष शासित राज्य से होना चाहिए तथा दिल्ली में जीएसटी परिषद का राज्यों के लिए समर्पित एक सचिवालय भी होना चाहिए.
समिति की भूमिका पर उठाए सवाल
जीएसटी कार्यान्वयन समिति की भूमिका पर सवाल उठाते हुए बादल ने आरोप लगाया कि जीएसटी परिषद की बैठक के एजेंडे के 50 पृष्ठ केवल नौकरशाही द्वारा पहले से की गई कार्रवाई की जानकारी के लिए हैं.
उन्होंने कहा, 'हम निर्णय लेने की प्रक्रिया को कार्यान्वयन समिति पर नहीं छोड़ सकते. हम कल परिषद से पूछेंगे कि इस 50 पेज के एजेंडे को या तो उलट दिया जाना चाहिए या सभी राज्यों और कुछ निर्णयों के लिए औपचारिक अनुमोदन लिया जाना चाहिए.'
बादल ने यह भी मांग की कि जीएसटी परिषद में एक विपक्ष का उपाध्यक्ष होना चाहिए. उन्होंने बैठक में मतदान न करने के मुद्दे को भी हरी झंडी दिखाई क्योंकि यह वस्तुतः हो रही है.
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उन्होंने उल्लेख किया कि सितंबर 2020 में राज्यों ने राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए अधिक उधार लेने के दो-भाग के फार्मूले के लिए 'दबाव के तहत' सहमति व्यक्त की. उन्होंने कहा, 'हमने विरोध किया था. हमने इसे बहुत लंबे समय तक रोके रखा.'
'हम सभी की व्यवस्था में हिस्सेदारी है'
यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्ष जीएसटी परिषद की बैठक के लिए संयुक्त रणनीति के साथ जा रहा है. उन्होंने कहा, 'सभी राज्यों को लगता है कि चूंकि उन्होंने अपनी संप्रभुता साझा की है, इसलिए वे 14% वृद्धि के हकदार थे. इसलिए, मुझे लगता है, चाहे आप किसी भी पार्टी से हों, हम सभी की व्यवस्था में हिस्सेदारी है.' बादल ने कहा कि 'अकेले पंजाब में 5,000 करोड़ रुपये का बकाया है.'