अहमदाबाद : गुजरात में कांग्रेस को सत्ता से बाहर हुए 25 साल हो चुके हैं. कांग्रेस की स्थिति में 2001 से कोई खास सुधार नहीं हुआ है. दो दशक के बाद भी चुनावों में पार्टी की हार उसके लिए एक प्रमुख मुद्दा है. इसको देखते हुए राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को गुजरात कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया. हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने अभी तक नेतृत्व पर कोई टिप्पणी नहीं की है. गांधीनगर नगर निगम चुनाव में हार के बाद भी कांग्रेस अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत के लिए आशांवित है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में युवा नेता और गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने दावा किया है कि गुजरात की जनता ने भाजपा को उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है और आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज करेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नई रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी और 125 सीटें जीतेगी.
गांधीनगर नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की हार पर हार्दिक पटेल ने कहा कि हमने पहले भी कहा था कि गुजरात में भाजपा एक तीसरी पार्टी को खड़ा करने के लिए फंडिंग व अन्य सुविधाएं मुहैया करा रही हैं, ताकि भाजपा से नाराज लोगों का वोट कांग्रेस को न मिले. उसी का परिणाम है कि गांधीनगर निकाय चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला और कांग्रेस के वोटों को बांटने का काम किया गया.
पटेल ने कहा, मैं पहले ही कह चुका हूं कि यह केवल कांग्रेस पार्टी है जो यहां भाजपा शासन के खिलाफ लड़ने की क्षमता रखती है. कांग्रेस को जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर आंदोलन करना चाहिए, लोगों को न्याय दिलाने के लिए काम करना चाहिए, आम जनता के मुद्दों को एक बड़े आंदोलन के रूप में लोगों तक पहुंचाना चाहिए. गांधीनगर निकाय चुनाव के परिणाम पर आत्मचिंतन करने के बाद हम जनता के हित में, जनता की समस्या को दूर करने के लिए निरंतर प्रयास करेंगे. और मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों लोगों का आशीर्वाद हमें मिलेगा.
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर कांग्रेस की रणनीति से संबंधित सवाल पर हार्दिक पटेल ने कहा कि गांधीनगर निकाय चुनाव के नतीजों के बाद अब गुजरात की जनता को पता चल गया है कि अगर वे किसी तीसरे पक्ष को वोट देंगे तो भाजपा की जीत होगी. इसलिए आने वाले दिनों में गुजरात की जनता का प्रेम कांग्रेस के प्रति और बढ़ेगा और जनता के समर्थन के अलावा कांग्रेस को जमीनी स्तर पर, ग्रामीण क्षेत्रों और बूथ स्तर पर सही ढंग से काम करना होगा.
उन्होंने कहा कि पिछले 3-4 महीनों से हम कोविड न्याय यात्रा, बेरोजगारी के मुद्दे, किसानों के मुद्दे जैसे मुद्दों पर जनता तक पहुंचने के लिए काम कर रहे हैं. बताया गया था कि कोरोना महामारी में 10,000 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन जब हम लोगों के बीच गए तो पता चला कि तीन लाख लोग मारे गए हैं.