नई दिल्ली : कांग्रेस ने 28 दिसंबर को नागपुर में पार्टी के स्थापना दिवस को मनाने का फैसला किया है. पार्टी इसके जरिए आरएसएस और भाजपा को संदेश देना चाहती है. नागपुर में ही आरएसएस का मुख्यालय है. इसलिए कांग्रेस के इस फैसले के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं.
पार्टी सूत्रों ने बताया है कि पार्टी उस दिन नागपुर में एक बड़ी रैली का आयोजन करेगी, जिसे सोनिया गांधी भी संबोधित करेंगी. सोनिया के अलावा इस रैली को राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा भी संबोधित करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी रैली में भाग लेंगे. सूत्रों ने बताया कि पार्टी अपनी पूरी ताकत का वहां पर प्रदर्शन करेगी.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने ईटीवी भारत को बताया कि हमलोग इस साल कांग्रेस के स्थापना दिवस को जोरशोर से मनाएंगे.
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, 'कांग्रेस की स्थापना 1885 में मंबई में हुई थी. इसलिए पार्टी यहां पर बड़ी रैली का आयोजन करने जा रही है. वैसे तो इसके लिए मुंबई एक विकल्प था, लेकिन हमने इस बार नागपुर का चयन किया है. इसकी वजह यह है कि कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की इच्छा. रैली का आयोजन नागपुर में हो, उनके लिए भौगोलिक रूप से यह नजदीक पड़ेगा.'
कांग्रेस इस रैली के जरिए अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंकना चाहती है. इस रैली से पहले 19 दिसंबर को इंडिया गठबंधन की भी बैठक हो रही है. शुक्रवार को सोनिया गांधी ने शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के उन 14 सांसदों के साथ सहानुभूति प्रकट की, जिन्हें सदन के भीतर 'हंगामा' करने की वजह से निलंबित कर दिया गया था. निलंबित हुए सांसदों में नौ कांग्रेस के, दो डीएमके के, दो सीपीएम के, एक सीपीआई और एक टीएमसी के सांसद शामिल हैं. ये सभी सांसद पीएम मोदी या फिर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे थे. इन्होंने संसद में सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए थे. यह घटना ठीक उस दिन हुई, जिस दिन 13 दिसंबर 2001 को आतंकियों ने संसद पर हमला किया था.