नई दिल्ली : कांग्रेस ने शनिवार को भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भगवा पार्टी वर्षों से वंशवाद की राजनीति कर रही है, लेकिन सबसे पुरानी पार्टी पर आरोप लगाती रहती है. पीएम मोदी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह राज्य के विकास की चिंता करने के बजाय क्रमशः अपने बेटों नकुल नाथ और जयवर्धन सिंह को लेकर व्यस्त थे. इससे पहले भी पीएम और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी पर राजनीति में वंशवादी होने का आरोप लगाया था.
कांग्रेस ने 10 नवंबर को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजेंद्र येदियुरप्पा को कर्नाटक इकाई का नया प्रमुख नियुक्त करने पर भाजपा पर पलटवार किया. कांग्रेस ने कहा कि भाजपा को कर्नाटक इकाई के नए प्रमुख के रूप में विजेंद्र येदियुरप्पा की नियुक्ति के बाद कांग्रेस पर वंशवादी पार्टी होने का आरोप लगाना बंद करना चाहिए, वे पाखंडी लोग हैं. इस संबंध में राज्य की वरिष्ठ नेता शोभा ओझा ने बताया कि इस मुद्दे पर उनके दोहरे मापदंड हैं. वे वंशवादी राजनीति करते हैं लेकिन दूसरों पर इसमें शामिल होने का आरोप लगाते हैं.
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सहित भाजपा में राजनीतिक वंशवाद के कई उदाहरण हैं. उदाहरण के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय, पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा और दिग्गज कैलाश विजयवर्गीय के बेटे पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय, जिन्हें इस बार मैदान में उतारा गया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि यूपी में उनके पास रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह हैं और कई अन्य उदाहरण भी हैं. कांग्रेस नेता के मुताबिक, बीजेपी नेता असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए चुनाव के समय ऐसे मुद्दे उठाते हैं.
ओझा ने कहा कि बीजेपी 18 साल से मध्य प्रदेश में सत्ता में है लेकिन उपलब्धि के नाम पर उसके पास दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है. इसके बजाय कांग्रेस नौकरी, शिक्षा, महिलाओं की सुरक्षा, किसानों की दुर्दशा और महंगाई जैसे बुनियादी मुद्दों पर बात कर रही है और उसे लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. भाजपा सिर्फ इन मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है. इसी क्रम में एआईसीसी पदाधिकारी बीएम संदीप कुमार ने कहा कि विजेंद्र येदियुरप्पा की नियुक्ति ने भाजपा की वंशवादी राजनीति को उजागर कर दिया है. सबसे पहले, वह पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे हैं, जिन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में हटाना पड़ा था. दूसरा, बीजेपी ने नए कर्नाटक प्रमुख पर फैसला करने में इतना समय लिया, जो पार्टी में अंदरूनी कलह को दर्शाता है.
वहीं एआईसीसी पदाधिकारी चंदन यादव ने कहा कि भाजपा दो तथ्यों से इनकार नहीं कर सकती. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी हैं और विजेंद्र उनके बेटे हैं. लेकिन विजेंद्र को नियुक्त करने वाले प्रधानमंत्री यह दावा करते रहते हैं कि वह भ्रष्टाचार और वंशवादी राजनीति के खिलाफ लड़ रहे हैं. यादव के अनुसार, राहुल गांधी ने चुनावी हार की जिम्मेदारी लेते हुए 2019 में कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था और 2022 में पार्टी का आंतरिक चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. इसके बाद अनुभवी मल्लिकार्जुन खड़गे विधिवत पार्टी प्रमुख चुने गए और अब एक साल से संगठन का प्रबंधन कर रहे हैं. गांधी परिवार उनका सम्मान करता है और उनके कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करता. पिछले तीस वर्षों में गांधी परिवार का कोई भी सदस्य किसी सरकारी पद पर नहीं रहा और वे अब सिर्फ पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. फिर भाजपा हमारे नेता के खिलाफ ऐसे झूठे आरोप क्यों लगाती रहती है.
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