नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने बीबीसी का समर्थन करते हुए कहा है कि ब्रिटिश मीडिया के भारत स्थित कार्यालयों पर हाल में किए गए आयकर सर्वेक्षण ने देश की छवि को खराब किया है. इस बारे में कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि भारत में बीबीसी के परिसर में मंगलवार को जो कुछ हुआ वह हम सभी के लिए एक झटके के समान है, क्योंकि इसकी वजह से दुनिया में भारत की छवि को नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फिलिप कोटलर पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर जश्न मनाते हैं. वह विदेशों से समर्थन भी चाहते हैं लेकिन यदि कोई विदेशी मीडिया हाउस उनके अतीत को दिखाता है तो वह पहले डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाते हैं, इसके बाद केंद्रीय एजेंसियों को भेजने के साथ ही डॉक्यूमेंट्री को विदेश में रची गई साजिश बताया गया.
खेड़ा ने कहा, उनके पहले भी प्रधानमंत्री रहे हैं और उनके बाद भी प्रधानमंत्री होंगे. लेकिन यदि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री एक साजिश थी, तो क्या न्यूज़क्लिक, द वायर, द न्यूज़ मिनट, न्यूज़लॉन्ड्री, दैनिक भास्कर हिंदी समाचार पत्र और एनडीटीवी जैसे भारतीय मीडिया संस्थान के खिलाफ इसी तरह के आईटी सर्वेक्षण भी एक साजिश का हिस्सा थे. कांग्रेस नेता ने कहा कि भारतीय इनकम टैक्स कानून बीबीसी पर लागू नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार बीबीसी के राजस्व मॉडल को नहीं जानती है. खेड़ा ने कहा कि यह लाभ-हानि राजस्व मॉडल पर निर्भर नहीं है. बल्कि बीबीसी के सब्सक्राइबर एक डाकघर में लाइसेंस शुल्क जमा करते हैं जो मीडिया कंपनी को अपने दिन-प्रतिदिन के मामलों का प्रबंधन करने के लिए पैसा देता है. खेड़ा ने कहा कि इस मामले में भारत के आयकर विभाग की कोई भूमिका नहीं है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि बीबीसी इंडिया के कार्यालयों में आईटी सर्वेक्षण ने दुनिया के सामने देश की छवि को प्रभावित किया है. खेड़ा ने कहा कि हमें जी20 की अध्यक्षता मिली है, हमें लोकतंत्र की जननी कहा जा रहा है. लेकिन बीबीसी इंडिया के कार्यालयों में आईटी टीमें भेजकर आप किस तरह की छवि का निर्माण कर रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत की रैंकिंग 2021 में 142 स्थान से गिरकर 2022 में 150 हो गई है. उन्होंने सवाल किया कि बीबीसी में आईटी सर्वे के बाद हमारी रैंकिंग में सुधार होगा. हम भारत की छवि को लेकर चिंतित हैं.