दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

मध्य प्रदेश में दो पूर्व मंत्रियों के पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस का रुझान दिख रहा है - सीपी मित्तल - सीपी मित्तल

मध्य प्रदेश में भाजपा के दो पूर्व मंत्रियों के चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल होने से रुझान दिखने लगे हैं. कुछ इसी प्रकार कर्नाटक में हो रहे विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के कई बड़े नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

Two former ministers join Congress in Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश में दो पूर्व मंत्री कांग्रेस में शामिल

By

Published : May 6, 2023, 4:02 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि मध्य प्रदेश में भाजपा के दो पूर्व मंत्रियों के शामिल होने से हाल ही में कर्नाटक में भी इसी तरह के रुझान के संकेत देखने को मिले थे. जैसा कि अधिकांश जनमत सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि कांग्रेस को कर्नाटक में बढ़त हासिल है. यही वजह है कि यहां चुनाव से पहले भाजपा और जद-एस के कई बड़े नेता कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इसी तरह के रुझान मध्य प्रदेश में भी दिखाई पड़ रहे हैं, जहां पर भाजपा के नेता कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं.

इसी कड़ी में शनिवार को भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी और राधेलाल बघेल मप्र इकाई प्रमुख कमलनाथ की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो गए. भाजपा में उपेक्षित महसूस कर रहे दीपक जोशी और राधेलाल बघेल जो क्रमश: ब्राह्मण और ओबीसी समूह से आते हैं, इनके भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलेगी. इस दौरान दीपक जोशी ने कमलनाथ को अपने दिवंगत पिता का चित्र भेंट किया और राज्य कांग्रेस इकाई के प्रमुख से राज्य में कैलाश जोशी की ईमानदार राजनीति की विरासत की रक्षा करने का आग्रह किया.

एमपी के प्रभारी एआईसीसी सचिव सीपी मित्तल ने कहा कि आने वाले महीनों में बीजेपी के और नेताओं के हमारे साथ आने की उम्मीद है. उन्होनें कहा कि कांग्रेस आने वाले विधानसभा चुनावों को उसी तरह से जीतने जा रही है जिस प्रकार से वर्ष 2018 के चुनाव में उसने जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी क्योंकि कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रतिनिधित्व वाले तत्कालीन गुटों ने एकजुट होकर काम किया था.

उन्होंने कहा कि सिंधिया के 2020 में भाजपा में शामिल हो जाने के बाद और उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण कमलनाथ सरकार गिर गई. लेकिन इस बार भी प्रदेश इकाई में कोई गुटबाजी नहीं है. कमलनाथ पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं और दिग्विजय उनका पूरा समर्थन कर रहे हैं. मित्तल ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार 2020 में राजनीतिक भ्रष्टाचार की वजह से सत्ता में आई थी, उन्हें विकास की कोई परवाह नहीं है.

एआईसीसी के पदाधिकारी ने स्वीकार किया कि एमपी इकाई में संगठनात्मक कमजोरी 2020 से एक चिंता का विषय रही है, लेकिन उन्होंने दावा किया कि पार्टी में पिछले एक साल में ब्लॉक स्तर तक इसे दूर कर दिया गया था. मित्तल ने कहा कि मई 2022 में उदयपुर घोषणापत्र ने तय किया था कि पार्टी को पूरे देश में मंडल स्तर की टीम का गठन करना चाहिए. मप्र एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने जमीनी स्तर के नेटवर्क को मजबूत करने के लिए लगभग 70 प्रतिशत ऐसी पार्टी इकाइयों को पूरा किया है.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, सिंधिया को 2018 के चुनावों से पहले राहुल गांधी द्वारा मुख्यमंत्री या राज्य इकाई प्रमुख के पद का वादा किया गया था, लेकिन नतीजों के बाद कमलनाथ को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल गई. बाद में, सिंधिया ने आरोप लगाया कि कमलनाथ-दिग्विजय सिंह की जोड़ी द्वारा उनकी उपेक्षा की जा रही है और उन्होंने वफादारी बदलने का फैसला किया. हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने आगे कहा कि कमलनाथ और सिंह दोनों पिछले वर्षों में एमपी कांग्रेस को फिर से संगठित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे. कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ नौकरियों, मूल्य वृद्धि, किसानों की दुर्दशा और राहुल गांधी को निशाना बनाने जैसे प्रमुख मुद्दों पर विरोध किया है. मित्तल ने कहा कि राज्य में पार्टी मजबूत है और आने वाले विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करेगी. उन्होंने कहा, भाजपा चिंतित है क्योंकि उन्होंने पिछले तीन वर्षों में कुछ भी नहीं किया है और यह नहीं जानते कि मतदाताओं के पास कैसे जाना है.

ये भी पढ़ें -Karnataka Election 2023 : कांग्रेस का बीजेपी पर गंभीर आरोप, कहा- खड़गे की हत्या की रच रहे साजिश

ABOUT THE AUTHOR

...view details