नई दिल्ली :कांग्रेस पार्टी ने कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CONCOR) में विनिवेश के कदम पर केंद्र की आलोचना की है. कांग्रेस ने कहा कि कॉनकार के पास 60 इनलैंड कंटेनर डिपो (ICDs) का सबसे बड़ा नेटवर्क है. कंटेनरों के लिए रेल द्वारा अंतरदेशीय परिवहन प्रदान करने के अलावा यह बंदरगाहों, एयर कार्गो परिसरों के प्रबंधन और कोल्ड-चेन भी स्थापित करता है.
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि मोदी सरकार ने कॉनकॉर में अपनी 54.8% हिस्सेदारी में से 30.8% रणनीतिक खरीदारों को प्रबंधन नियंत्रण बेचने के लिए मंजूरी दे दी है. कॉनकॉर के पास 60 से अधिक आईसीडी हैं और 24 रेलवे भूमि पर स्थित हैं.
19 मार्च 2020 की रेलवे बोर्ड की नीति का हवाला देते हुए, जिसने अपनी भूमि के औद्योगिक उपयोग के लिए भूमि लाइसेंसिंग शुल्क (एलएलएफ) शासन को अधिसूचित किया और इसे कॉनकॉर तक बढ़ा दिया. कांग्रेस नेता ने बताया कि ट्रांसपोर्टर द्वारा लिया जा रहा एलएलएफ अब 6% है. लाइसेंस के पहले वर्ष में भूमि मूल्य का, मुद्रास्फीति में कारक के लिए दर सालाना 7% की दर से बढ़ेगी.
अब मोदी सरकार रेलवे भूमि के औद्योगिक उपयोग के लिए लीज नीति में बदलाव पर विचार कर रही है. बदलाव के तहत एलएलएफ को 6% के मौजूदा स्तर से 2-3% तक लाएगा. यह नीति भूमि पट्टे की अवधि को बढ़ा सकती है. इसके लिए कॉनकॉर को 2500 करोड़ रुपये के नकद भंडार का उपयोग करने के बाद लगभग 3500 करोड़ रुपये के ऋण की आवश्यकता होगी.