नई दिल्ली :कांग्रेस ने विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान में कटौती किए जाने का हवाला देते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि ग़रीबी भयावह रूप ले रही है, लेकिन सरकार बेख़बर है. पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत (AICC Spokesperson Supriya Shrinate) ने यह दावा भी किया कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के सुझावों पर अमल किया होता तो यह स्थिति पैदा नहीं होती.
सुप्रिया ने संवाददाताओं से कहा, 'देश में ग़रीबी भयावह रूप ले रही है और सरकार बेख़बर है. कल शाम विश्व बैंक ने इस साल तीसरी बार हमारी अनुमानित जीडीपी वृद्धि दर को घटा कर 7.5 प्रतिशत से 6.5 प्रतिशत कर दिया. अपनी एक रिपोर्ट में विश्व बैंक ने भारत में ग़रीबी बढ़ने पर चिंता जताते हुए यह बड़ा खुलासा किया कि कोविड काल में क़रीब 5.6 करोड़ लोग अत्यधिक ग़रीबी के दायरे में चले गए.' उन्होंने कहा, 'काश, कांग्रेस की बात सुनते मोदी जी, ग़रीब बच जाते.'
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'इसी स्थिति की आशंका के चलते - महामारी के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी ने बार बार ग़रीबों की कुछ आर्थिक मदद की मांग की थी, जिसको सरकार ने अनसुना किया - अगर सुन लिया होता तो लाखों मज़दूर चिलचिलाती धूप में पैदल ना चलते और करोड़ों लोग ग़रीबी के चंगुल में नहीं फंसते.'
उन्होंने दावा किया , 'हालात बदतर होते जा रहे हैं - रुपया टूट कर 82.33 प्रति डॉलर पर जा पहुंचा है - विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम होता जा रहा है - पिछले 9 महीनों में क़रीब 100 अरब डॉलर कम हुआ है. निर्यात में 3.5 प्रतिशत की गिरावट हुई है, कम उपभोग के चलते निवेश भी कुंद है, बढ़ती बेरोज़गारी और सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योगों की ख़स्ताहाल स्थिति ने गहरा संकट पैदा कर दिया है.' उन्होंने कहा, 'इस पर इस भयावह स्थिति में भी सरकार को तो कोई चिंता ही नहीं है - खोखला प्रचार जारी है - मोदी जी पहले आलू से सोना बना रहे थे, अब ड्रोनाचार्य बनकर ड्रोन से आलू उठवाएंगे.'