नई दिल्ली : कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल (भगवान शिव) मंदिर परिसर में तेज हवाओं से प्राचीन ऋषियों और देवताओं की कई विशाल मूर्तियां टूटने के मामले भाजपा की आलोचना करते हुए उससे माफी मांगने को कहा है. कांग्रेस पूरे प्रकरण की जांच हाई कोर्ट के जज से कराने की मांग की है. बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी इसी साल होने वाले हैं. वहीं पुनर्निर्मित मंदिर परिसर का उद्घाटन पीएम मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में किया था.
इस संबंध में मप्र के एआईसीसी प्रभारी जेपी अग्रवाल (AICC in charge of Madhya Pradesh JP Agarwal) ने हाल की घटना को उठाते हुए भाजपा पर निशाना साधा और हिंदू धर्म से संबंधित मामलों में भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर भाजपा को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पीएम मोदी की यात्रा से पहले जल्दबाजी में दोषपूर्ण मूर्तियां स्थापित की गईं. अग्रवाल ने कहा कि मूर्तियों पर करीब 351 करोड़ रुपये खर्च किए गए. पीएम के कार्यक्रम के लिए सार्वजनिक खर्च पर एक भव्य तमाशा आयोजित किया गया था. लेकिन आठ महीने से भी कम समय में मूर्तियों के टूटने से पता चलता है कि वे घटिया सामग्री से बनी थीं.
उन्होंने कहा, 'हम पूरे प्रकरण की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच की मांग करते हैं क्योंकि मूर्तियों की गुणवत्ता को लेकर चिंताएं पहले भी उठाई गई थीं, लेकिन राज्य सरकार द्वारा इसे खारिज कर दिया गया था.' कांग्रेस के दिग्गज नेता ने भाजपा से इस घटना पर माफी मांगने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने कहा कि यह हिंदुओं और भगवान शिव की कथा में विश्वास करने वाले सभी लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने जैसा है.
अग्रवाल ने कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि भाजपा सरकार के दौरान सामने आए भ्रष्टाचार के घोटालों की श्रृंखला की एक नई कड़ी है. भाजपा में भ्रष्टाचार में लिप्त होने की होड़ चल रही है और उन्होंने भगवान को भी नहीं बख्शा है. उन्होंने कहा कि अयोध्या मंदिर ट्रस्ट से संबंधित भूमि घोटाला हम सभी को पता है. इसमें यह पाया गया कि कई भाजपा पदाधिकारी घोटाले में शामिल थे. कांग्रेस नेता ने आश्चर्य जताया कि इतनी बड़ी मूर्तियां तेज हवाओं के कारण कैसे टूट सकती हैं और कहा कि उज्जैन मंदिर परिसर की घटना अपनी तरह की पहली घटना है.