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Congress Raised Questions : कांग्रेस ने शेयर की इंदिरा की तस्वीर, मोदी के टाइगर सफारी दौरे पर उठाए सवाल - बांदीपुर टाइगर रिजर्व

प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर पीएम के कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व का दौरा करने पर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने पीएम के दौरे पर सवाल उठाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तस्वीर शेयर की है (congress raised questions on PM Modi). जानिए क्या है पूरा मामला.

Congress Raised Questions
कांग्रेस ने शेयर की इंदिरा की तस्वीर

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Published : Apr 9, 2023, 3:17 PM IST

Updated : Apr 9, 2023, 3:53 PM IST

नई दिल्ली :प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कर्नाटक के बांदीपुर और मुतुमला टाइगर रिजर्व का दौरा किया. प्रधानमंत्री की बांदीपुर बाघ अभयारण्य में सफारी का लुत्फ उठाते हुए तस्वीरें सामने आई हैं. अब कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के दौरे पर सवाल खड़े किए हैं.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 50 साल पहले बांदीपुर में शुरू किए गए प्रोजेक्ट टाइगर का पूरा श्रेय लेने के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना की. जयराम रमेश ने ट्वीट किया 'आज PM बांदीपुर में 50 साल पहले लॉन्च हुए प्रोजेक्ट टाइगर का पूरा क्रेडिट लेंगे. वह खूब तमाशा करेंगे जबकि पर्यावरण,जंगल,वन्य जीव एवं वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों की रक्षा के लिए बनाए गए सभी कानून ध्वस्त किए जा रहे हैं. वह भले ही सुर्खियां बटोर लें लेकिन हकीकत बिल्कुल उलट है.'

'अडाणी के हाथ न बेचा जाए' :कांग्रेस ने कर्नाटक कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट के जरिए भी प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला. इंदिरा गांधी की शावक लिए तस्वीर शेयर कर ट्वीट में लिखा है,' बांदीपुर बाघ संरक्षण परियोजना, जहां आज आप सफारी का आनंद ले रहे हैं, 1973 में कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की गई थी. नतीजतन, आज बाघों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है.' इसके अलावा कांग्रेस ने मजाकिया अंदाज में लिखा कि पीएम मोदी से उनकी विशेष गुजारिश है कि बांदीपुर को अडाणी के हाथों न बेचा जाए.

जानिए बांदीपुर टाइगर रिजर्व के बारे में :आधिकारिक आंकड़ों पर नजर डालें तो 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू होने पर बाघों की संख्या 12 थी. हालात ये थे कि बड़े पैमाने पर अवैध शिकार और सुरक्षा नहीं होने के कारण बाघ विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गए थे.

बाघ की विलुप्त होती संख्या पर चिंता के कारण 19 फरवरी, 1941 को स्थापित तत्कालीन वेणुगोपाला वन्यजीव पार्क के अधिकांश वन क्षेत्र को शामिल करके बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान का गठन किया गया था. फिर 1985 में इस क्षेत्र का 874.20 वर्ग किलोमीटर तक विस्तार किया गया, साथ ही इसे बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान का नाम दिया गया.

यहां यह भी गौरतलब है कि इस रिजर्व को 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत लाया गया था. बाद में कुछ पास के आरक्षित वन क्षेत्रों को भी इस रिजर्व में जोड़ा गया जिससे इसका क्षेत्र 880.02 वर्ग किलोमीटर तक हो गया. इस समय बांदीपुर टाइगर रिजर्व के अंतर्गत 912.04 वर्ग किमी क्षेत्र आता है.

साल 2007-08 में कर्नाटक वन विकास निगम पौधरोपण क्षेत्र से जुड़ा 39.80 वर्ग किमी इलाका भी इसके लिए सौंप दिया गया. वहीं, 2010-11 के दौरान नुगु वन्यजीव अभयारण्य को भी वन्यजीव प्रभाग को सौंपा गया.

पढ़ें- PM Modi Visits Tiger Reserve : टाइगर रिजर्व का दौरा, तस्वीरों में देखिए पीएम मोदी को

Last Updated : Apr 9, 2023, 3:53 PM IST

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