नई दिल्ली : कांग्रेस ने सरकार की ओर से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने और फिर अपने इस फैसले को वापस लिए जाने के बाद गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा और सवाल किया कि दरें कम करने का आदेश करने में 'चूक' हुई थी या फिर विधानसभा चुनावों के चलते उसे वापस लेना पड़ा.
छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी.
यह कटौती एक अप्रैल से शुरू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के लिए की गई थी. हालांकि, इसके जारी होने के 12 घंटे बाद ही आदेश वापस ले लिया और दावा किया कि यह एक 'ओवरसाइट' (चूक) है.
राजीव शुक्ला ने प्रणब मुखर्जी का किया जिक्र
इस मामले पर कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा 'सरकार एक आदेश पारित करती है लेकिन चुनावों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय उसे तुरंत वापस ले लेता है. यह बहुत ही गंभीर मामला है. भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्त है ऐसे में इस तरह के आदेश से आम लोगों के हित को खतरा होगा. क्योंकि भारत सरकार के लिए बचत से अर्थव्यवस्था हमेशा बहुत महत्वपूर्ण रही है.'
उन्होंने प्रणब मुखर्जी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 'पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी हमेशा इसके पक्ष में थे क्योंकि इससे सरकार धन एकत्र करती है, जबकि लोग बैंकों में जमा कर सुरक्षित महसूस करते हैं. तब इस धन का उपयोग विकासात्मक कार्य के लिए किया जाता है.'
उन्होंने कहा 'बचत अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए यह आदेश जारी किया गया, जिसका प्रतिकूल असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा. चुनाव हो रहे हैं ऐसे में भाजपा का वोट कट सकता है, इसलिए इसे 'ओवरसाइट' कहकर आदेश वापस ले लिया.'
साथ ही उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय को ये गारंटी देनी चाहिए कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि 'हम मांग करते हैं कि उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि वह इस तिमाही के बाद इस आदेश के साथ क्या करने जा रहे हैं. सरकार की मंशा क्या है? क्या इसे स्थगित कर दिया गया है? या इसे रद्द कर दिया गया है या इसे अगली तिमाही में लागू किया जाएगा, इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए.'
यह पूछे जाने पर कि क्या इस मामले को लेकर कांग्रेस चुनाव आयोग से संपर्क करने जा रही है, शुक्ला ने कहा, 'हम इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करने के बारे में चर्चा करेंगे और यह तय करेंगे कि क्या किया जाना चाहिए.'
वहीं, राजीव शुक्ला ने संवाददाताओं से कहा, ' कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ उच्च न्यायालय ने जो आदेश दिया है, वो गंभीर विषय है. इस मामले में निष्पक्ष जांच तभी हो सकती है जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा या फिर उन्हें हटाया जाए,'
प्रियंका ने भी साधा था निशाना