नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को खत्म कर दिया है और उसके नए साल के इस उपहार से 81 करोड़ लोगों को मिलने वाले अनाज में 50 प्रतिशत की कटौती हो गई है. कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 'यूर्टन के उस्ताद' हैं, क्योंकि गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की जिन नीतियों का विरोध किया करते थे, अब उनका श्रेय ले रहे हैं.
रमेश ने एक बयान में कहा, 'साल 2023 की शुरुआत इस चिंताजनक खबर से हुई कि प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना को खत्म कर दिया. पिछले दो वर्षों से 81 करोड़ लोगों को 10 किलोग्राम प्रति महीने अनाज मिल रहा था, लेकिन अब पांच किलोग्राम ही मिलेगा.' उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने यह प्रतिगामी निर्णय राज्यों के साथ कोई विचार-विमर्श किए बिना लिया तथा इस पर संसद में कोई भी चर्चा नहीं हुई.
रमेश ने कहा, 'मोदी सरकार खाद्य सुरक्षा कानून के तहत पांच किलोग्राम मुफ्त अनाज दिए जाने को गरीबों को फायदा पहुंचाने वाले ऐतिहासिक निर्णय बताकर फर्जी तरीके से ढिंढोरा पीट रही है, जबकि असली लाभार्थी मोदी सरकार है, जिसने एक लाख करोड़ रुपये बचाए हैं तथा राशनकार्ड धारकों की बचत नहीं होगी, क्योंकि उनका खर्च बढ़ेगा.' उनके मुताबिक, यदि किसी व्यक्ति को 10 किलोग्राम गेहूं मिलता था, तो उसे खाद्य सुरक्षा कानून के तहत पांच किलोग्राम गेहूं का 10 रुपये देना पड़ता था.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पांच किलोग्राम गेहूं मुफ्त मिलता था. अब उस व्यक्ति को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 10 रुपये की बचत होगी, लेकिन पांच किलोग्राम गेहूं खुले बाजार में खरीदने पर विवश होना पड़ेगा, जिसके लिए उसे 150 से 175 रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं. उनका कहना है, 'अगर पांच लोगों का परिवार है, तो उसे हर महीने 750 रुपये यानी साल में 9000 रुपये खर्च करने होंगे.'