नई दिल्ली :कांग्रेस पार्टी रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक होने वाले पूर्ण सत्र में 2024 के राष्ट्रीय चुनावों के लिए चुनाव से पहले या चुनाव के बाद गठबंधन के बारे में फैसला करेगी. इस संबंध में जानकारी देते हुए एआईसीसी महासचिव संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने बताया कि कांग्रेस की स्पष्ट पहल है. हम उस भूमिका को बड़े पैमाने पर निभाने के लिए तैयार हैं. हम पूर्ण सत्र में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुझाव का पहले ही स्वागत कर चुकी है. हमारा काम भाजपा की लोकसभा सीटों की संख्या को कम करना है.
इसी क्रम में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मजबूत कांग्रेस के बिना कोई भी विपक्षी एकता संभव नहीं है. लेकिन इसके लिए यह तय करना होगा कि यह चुनाव पूर्व गठबंझन होगा या चुनाव के बाद. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि कांग्रेस केवल चुनाव के बाद गठबंधन के लिए थी. जबकि पार्टी का केरल, तमिलनाडु, बिहार, झारखंड और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में चुनाव पूर्व गठबंधन था.
वेणुगोपाल के मुताबिक पूर्ण सत्र में 47 सदस्यीय संचालन समिति 24 फरवरी की सुबह प्लेनरी एजेंडा तय करेगी. वहीं गठबंधन का मुद्दा 26 फरवरी को पारित होने वाले राजनीतिक प्रस्ताव में परिलक्षित होगा. उन्होंने कहा, राजनीतिक प्रस्ताव में आपको एक स्पष्ट विचार मिलेगा. वहीं पूर्ण सत्र की निगरानी कर रहे केरल के प्रभारी एआईसीसी महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि आने वाला सत्र पार्टी को 2024 के राष्ट्रीय चुनावों के साथ-साथ इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे हमारे नेता सत्र को संबोधित करेंगे. इससे कार्यकर्ताओं को भविष्य के लिए एक दिशा मिलेगी.
हालांकि पूर्ण सत्र राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के सफल समापन के बाद हो रहा है, लिहाजा पूर्व कांग्रेस प्रमुख और उनके विचार पार्टी के 85वें पूर्ण सत्र में विशेष प्रभावी रहेगा. वहीं यात्रा की भावना को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस देश भर में 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान चला रही है और इसे पहले मार्च के अंत से अप्रैल तक बढ़ाने का फैसला किया गया है. साथ ही कांग्रेस ने यह भी निर्णय लिया है कि मेगा कॉनक्लेव का विषय हाथ से हाथ जोड़ो भी होगा.
जयराम रमेश ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा से पार्टी में एक नई ऊर्जा आई है. उन्होंने कहा कि हालांकि यात्रा विपक्षी एकता के लिए नहीं थी लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि मजबूत कांग्रेस के बिना विपक्षी एकता संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस उत्साहित है कि राहुल की पांच महीने की यात्रा में कई विपक्षी दलों ने भाग लिया, जो बजट सत्र के दौरान अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर संसद में कांग्रेस के साथ थे. वेणुगोपाल ने कहा, अडाणी मुद्दे पर पूरे विपक्ष ने एक स्वर में जेपीसी जांच की मांग की.
जयराम रमेश के मुताबिक भारत जोड़ो यात्रा भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी और इसने दिखाया कि कांग्रेस भाजपा के साथ कभी समझौता नहीं करेगी. बिना किसी का नाम लिए लेकिन टीएमसी की तरफ इशारा करते हुए रमेश ने कहा, 'कुछ पार्टियां हैं जो संसद में खड़गे जी के चैंबर में विपक्षी बैठकों में शामिल होती थीं, लेकिन उनके कार्यों से बीजेपी को मदद मिली. ऐसे समय में जब पूरा विपक्ष अडाणी मामले की जेपीसी जांच की मांग कर रहा था, कुछ पार्टियां सरकार की मदद के लिए सुप्रीम कोर्ट से जांच की मांग कर रही थीं.'
वेणुगोपाल ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को स्पष्ट दिशा दी है कि जनता के मुद्दों को कैसे उठाया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से सत्तावादी तरीके से व्यवहाकर कर रही है और पूरे विपक्ष को कुचलने की कोशिश की जा रही है. इसी वजह से राहुल गांधी ने अपनी यात्रा की. कांग्रेस नेता ने कहा कि हमने यह जता दिया कि जनता को नफरत के खिलाफ एकजुट किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पूर्ण सत्र पिछले साल मई में उदयपुर चिंतन शिविर में चर्चा किए गए विचारों को भी प्रतिबिंबित करेगा और उदयपुर घोषणा में शामिल किया गया था. सत्र में कई नए विचार होंगे, हम उन्हें देखेंगे. साथ ही उदयपुर घोषणा पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा.
बता दें कि नवा रायपुर में होने वाले पूर्ण सत्र में देश भर के करीब 15 हजार कार्यकर्ता भाग लेंगे. इनमें से लगभग 1821 एआईसीसी प्रतिनिधि और 12 हजार पीसीसी प्रतिनिधि होंगे. वेणुगोपाल ने कहा कि जहां पार्टी भविष्य की चुनावी चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेगी, वहीं 24 फरवरी को संचालन समिति की बैठक में सीडब्ल्यूसी चुनावों के मुद्दे पर भी चर्चा की जाएगी. वहीं पूर्ण सत्र के प्रभारी एआईसीसी कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने कहा, पूर्ण सत्र 26 फरवरी को दोपहर 2 बजे समाप्त होगा और उसके बाद एक प्रथागत रैली होगी, जहां सभी प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे.
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