नई दिल्ली : कांग्रेस ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद बुधवार को आरोप लगाया कि शाह का निवास दलित विरोधी राजनीति का केंद्र बन गया है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि सत्ता में बैठे मठाधीशों के अहंकार को ठेस पहुंची है. क्योंकि एक दलित को मुख्यमंत्री बना दिया तो वो पूछते हैं कि कांग्रेस में फैसले कौन ले रहा है? दलित को सर्वोच्च पद दिया जाना उन्हें रास नहीं आ रहा.
उन्होंने आरोप लगाया कि दलित विरोधी राजनीति का केंद्र और कहीं नहीं, अमित शाह जी का निवास बना हुआ है. अमित शाह जी व मोदी जी पंजाब से प्रतिशोध की आग में जल रहे हैं. वे पंजाब से बदला लेना चाहते हैं क्योंकि वे किसान विरोधी काले कानूनों से अपने पूंजीपति साथियों का हित साधने में अब तक नाकाम रहे हैं. सुरजेवाला ने जोर देकर कहा कि भाजपा का किसान विरोधी षड्यंत्र सफल नहीं होगा.
बता दें कि बुधवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की और कहा कि उन्होंने आग्रह किया कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करके और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देकर पिछले 10 महीनों से चल रहे किसानों के आंदोलन के मुद्दे का समाधान किया जाए. हालांकि, शाह के साथ उनकी करीब 45 मिनट तक चली मुलाकात के कारण राजनीति में उनके भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं.
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गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी इससे पहले पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये थे. जिसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन एवं भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने सिब्बल पर निशाना साधाते हुए कहा था कि जिस पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया, उसे नीचा नहीं दिखाना चाहिए. माकन ने आरोप लगाया कि सिब्बल जैसे नेता पार्टी के उन कार्यकर्ताओं का हौसला पस्त कर रहे हैं जो कांग्रेस की विचारधारा के साथ खड़े हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए आश्चर्य जताया कि पार्टी में कौन फैसले ले रहा है. उन्होंने कहा कि जी-23 द्वारा पत्र लिखे जाने के एक साल बाद भी पार्टी नेताओं की संगठनात्मक चुनाव की मांग पूरी नहीं हुई है.