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कोर्ट के आदेश और नियमों को ताक पर रखकर अस्थाना को बनाया गया दिल्ली का पुलिस आयुक्त: कांग्रेस - दिल्ली का पुलिस आयुक्त

रिटायर होने से पहले गुजरात कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) को दिल्ली पुलिस आयुक्त बनाए जाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने कहा है कि नियमों को दरकिनार कर यह नियुक्ति की गई है.

पवन खेड़ा
पवन खेड़ा

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Published : Jul 28, 2021, 7:07 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana को दिल्ली का पुलिस आयुक्त नियुक्त किए जाने के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश और सारे नियमों को ताक पर रखकर यह नियुक्ति की गई है.

पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने यह सवाल भी किया कि क्या अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर में कोई एक अधिकारी ऐसा नहीं था जिसे दिल्ली के पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी जाती?

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'राकेश अस्थाना इस नियुक्ति के चार दिन बाद ही सेवानिवृत्ति होने वाले थे. प्रकाश सिंह के मामले में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि किसी अधिकारी के सेवानिवृत्ति होने में छह महीने बचे हों तब उसे डीजीपी स्तर की नियुक्ति दे सकते हैं. दिल्ली पुलिस आयुक्त भी डीजीपी के स्तर का पद होता है.'

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उन्होंने दावा किया कि अस्थाना के खिलाफ छह आपराधिक मामले दर्ज हैं. खेड़ा ने आरोप लगाया, 'इस सरकार को न यूपीएससी का सम्मान है और न ही उच्चतम न्यायालय का सम्मान है. नियमों को ताक पर रखकर यह नियुक्ति की गई है.'

उन्होंने सवाल किया, 'ऐसे क्या राज हैं कि आप नियम-कानून ताक पर रखकर उन्हें दिल्ली पुलिस का प्रमुख बना रहे हैं? ऐसे अधिकारी को दिल्ली का पुलिस आयुक्त क्यों बनाया गया, जिसे शहरी क्षेत्र और खास महानगर में पुलिस सेवा का अनुभव नहीं है?' कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया, 'मोदी जी कुछ अफसरों से डरते हैं और उन्हीं को महत्वपूर्ण स्थानों पर बैठा देते हैं.' अस्थाना की नियुक्ति 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले हुई है.

राकेश अस्थाना ने कार्यभार संभाला

वहीं भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के गुजरात कैडर के वरिष्ठ अधिकारी राकेश अस्थाना ने बुधवार को दिल्ली के पुलिस आयुक्त का पदभार संभाल लिया. मध्य दिल्ली के जय सिंह मार्ग पर स्थित पुलिस मुख्यालय पहुंचने पर अस्थाना को पुलिस बल ने रस्मी गार्ड ऑफ ऑनर दिया.

अस्थाना ने पत्रकारों से कहा, ' मैंने आज दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाल लिया. मैं पुलिस की बुनियादी अवधारणाओं में विश्वास करता हूं जो कानून और व्यवस्था को बनाए रखना व अपराध की रोकथाम है. यही वह बुनियादी काम है, जो हमें करने चाहिए. अगर इन चीजों को सही तरीके से किया जाए तो समाज में शांति बनी रहती है. कुछ विशेष समस्याएं हैं, जिनके लिए अलग से एसओपी (मानक संचालन प्रक्रियाएं) है. हम उसके अनुसार काम करेंगे.'

अस्थाना ने अतीत के प्रदर्शनों के लिए दिल्ली पुलिस की सराहना भी की और कहा कि वह समाज में बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए सभी के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं.

दिल्ली पुलिस का अतीत शानदार रहा है : अस्थाना

उन्होंने कहा, 'दिल्ली पुलिस का अतीत शानदार रहा है. बल ने अतीत में बहुत अच्छे काम किए गए हैं. कई जटिल मामले सुलझाए हैं. दिल्ली पुलिस ने कई जटिल स्थितियों को संभाला है. मैं टीम वर्क में विश्वास करता हूं और मुझे उम्मीद है कि इस टीम वर्क से हम समाज में बेहतरी और शांति बनाए रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे.'

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गृह मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक आदेश में कहा था कि अस्थाना तत्काल प्रभाव से दिल्ली पुलिस आयुक्त का कार्यभार संभालेंगे. वह सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक के रूप में कार्यरत थे.

इस तरह के बहुत कम उदाहरण हैं, जब अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर से बाहर के किसी आईपीएस अधिकारी को दिल्ली पुलिस के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया हो.

सीबीआई में विशेष निदेशक रह चुके हैं अस्थाना

1984 बैच के आईपीएस अधिकारी अस्थाना पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) में विशेष निदेशक रह चुके हैं. सीबीआई में अपने कार्यकाल के दौरान,उनका जांच एजेंसी के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा के साथ विवाद हो गया था जिसमें दोनों ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. दिलचस्प है कि वर्मा सीबीआई निदेशक बनने से पहले दिल्ली पुलिस के आयुक्त थे.

जून के अंत में पुलिस आयुक्त पद से एसएन श्रीवास्तव के सेवानिवृत्त होने के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी बालाजी श्रीवास्तव को पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था.

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