नई दिल्ली :कांग्रेस ने शुक्रवार को लोकसभा से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अयोग्यता पर सवाल उठाया और कहा कि केवल राष्ट्रपति के पास ऐसा करने की शक्तियां हैं. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि भारत के संविधान के तहत सिर्फ राष्ट्रपति के पास किसी सांसद को अयोग्य ठहराने का अधिकार है. सीओआई के तहत एक सांसद को अयोग्य घोषित करने की शक्तियां राष्ट्रपति के पास होती हैं- अनुच्छेद 103 यदि अनुच्छेद 102 (1) (ई) के तहत अयोग्यता होती है.
लोकसभा से अयोग्य होने के बाद, चुनावी राजनीति में राहुल गांधी का भाग्य अब केवल उस कानूनी राहत पर निर्भर करता है जो उन्हें अदालतों से मिल सकती है क्योंकि चुनाव आयोग उनकी सीट को खाली घोषित कर सकता है और चुनावों की घोषणा कर सकता है.
कांग्रेस ने यह मुद्दा उठाया है कि सिर्फ राष्ट्रपति ही किसी सांसद को अयोग्य घोषित कर सकता है, लेकिन कानूनी जानकारों का कहना है कि दोषसिद्धि ही अयोग्यता को गति दे देती है.
पूर्व सांसद और कानूनी विशेषज्ञ मजीद मेमन ने कहा, अगर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 389 के तहत अदालत में अपील के बाद राहुल की सजा निलंबित कर दी जाती है, तो लोकसभा से उनकी अयोग्यता को टाला जा सकता है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि '23 मार्च को फैसला और 24 मार्च को अयोग्यता. जिस गति से व्यवस्था चलती है वह आश्चर्यजनक है. प्रतिबिंब, समझने या कानूनी समीक्षा के लिए समय की अनुमति देने पर कोई समय बर्बाद नहीं होता है, जाहिर है, भाजपा पार्टी या सरकार में संयम की कोई आवाज नहीं है, शुद्ध परिणाम यह है कि संसदीय लोकतंत्र को एक और क्रूर झटका लगा है.