नई दिल्ली :कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक साक्षात्कार के प्रसारण की अनुमति देने के लिए भारत के चुनाव आयोग (ईसी) पर गंभीर सवाल उठाए (Congress questions ECI).
'ईटीवी भारत' से बात करते हुए, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल (Congress' Rajya Sabha MP Shaktisinh Gohil) ने 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दिए गए कारण बताओ नोटिस का जिक्र किया.
गोहिल ने कहा, 'आम तौर पर मैं हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमला नहीं करता लेकिन कल जो किया जा रहा था वह काफी चौंकाने वाला था. 2017 के गुजरात चुनावों में चुनाव आयोग ने स्थानीय चैनलों पर राहुल गांधी के साक्षात्कार पर रोक लगा दी थी. यूपी चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान से एक दिन पहले, मतदाता पीएम मोदी का एक घंटे का साक्षात्कार देख रहे थे.'
उन्होंने कहा, ' जब स्वतंत्र, संवैधानिक चुनाव आयोग अलग-अलग राजनीतिक दलों के लिए दो अलग-अलग तरीकों का चुनाव करेगा, तो यह न केवल चुनाव निकाय पर बल्कि हमारे चुनावों पर भी सवालिया निशान लगाएगा.'
पीएम ने साधा था राहुल पर निशाना
पीएम मोदी ने बुधवार को संसद में बोलते हुए सरकार पर लगाए गए आरोपों का जिक्र करते हुए राहुल गांधी पर तीखा हमला किया था. पीएम ने कहा था कि वह उस व्यक्ति को जवाब नहीं दे सकते जो 'सुनता नहीं है और सदन में नहीं बैठता है.' उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर भी हमला बोलते हुए कहा था कि पिछले 50 सालों में उन्होंने देश को बांटने का ही काम किया है, जिससे अलगाववाद की स्थिति पैदा हुई है.
कांग्रेस सांसद ने दिया जवाब
राहुल को लेकर पीएम के बयान पर राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने कहा 'चुनाव के दौरान हर नेता अपने विचार रखता है लेकिन प्रधानमंत्री पद पर होने के नाते आपकी कुछ जिम्मेदारी बनती है. आज तक किसी भी दल के एक भी प्रधानमंत्री ने न तो चुनावी भाषण दिया और न ही कोई जुमला दिया. कल, पीएम मोदी ने अपने उस साक्षात्कार के माध्यम से चुनावी भाषण में जो कहा, इस देश से संबंधित एक भी नहीं उठाया.'
गोहिल ने कहा, 'पिछले 5 वर्षों में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार थी. इतने सालों से आप केंद्र में सत्ता में हैं तो आप अपने काम (विकासात्मक) के आधार पर वोट मांगें, लेकिन इस बार, उन्होंने कोई काम नहीं किया है, केवल नौटंकी की है. राम मंदिर के नाम पर भी वे अपनी जेब भर रहे हैं इसलिए इस बार वोट मांगने के लिए वे इस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं.'
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यह पूछे जाने पर कि इस साक्षात्कार का विधानसभा चुनाव पर प्रभाव पड़ने वाला है, उन्होंने जवाब दिया, 'प्रत्येक पार्टी के साथ कम से कम चुनाव आयोग द्वारा समान व्यवहार किया जाना चाहिए. प्रत्येक पार्टी के लिए समान कानून होने चाहिए. फिर भी मेरा मानना है कि हमारे मतदाता स्मार्ट हैं. हालांकि, कल जो हुआ, वह नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि किसी को भी प्रधानमंत्री से इस तरह के व्यवहार की उम्मीद नहीं है.'