नई दिल्ली/हैदराबाद: नेशनल हेराल्ड-एजेएल सौदे से संबंधित धन शोधन मामले में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में गुरुवार को पार्टी कार्यकर्ताओं ने तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में प्रदर्शन किया. राजभवन के पास बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी ने एक पुलिसकर्मी का कॉलर पकड़ लिया. जानकारी के अनुसार, पुलिसकर्मी तेलंगाना कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल रेणुका चौधरी को हिरासत में लेने की कोशिश कर रहे थे. जिसको लेकर कांग्रेस नेता की पुलिसकर्मियों से तीखी नोकझोंक हो गई.
रेणुका चौधरी ने पकड़ा पुलिसकर्मी का कॉलर कांग्रेस की तेलंगाना इकाई द्वारा 'चलो राजभवन' के आह्वान के तहत पुलिस ने प्रदर्शनकारियों द्वारा राजभवन की घेराबंदी करने के प्रयास को विफल कर दिया. लोगों को राजभवन की ओर बढ़ने से रोकने के लिए तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष और पार्टी सांसद ए रेवंत रेड्डी, कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क और कई अन्य को पुलिस ने एहतियातन हिरासत में ले लिया.
पूरे मामले पर रेणुका चौधरी ने सफाई भी दी.
विरोध के कारण खैरताबाद गोल चक्कर और आसपास के इलाकों में यातायात की समस्या उत्पन्न हो गई. प्रदर्शन के दौरान एक दोपहिया वाहन में आग लगाई गई. इसके अलावा, कुछ प्रदर्शनकारियों को एक सरकारी बस में चढ़ते देखा गया. एक आंदोलनकारी द्वारा कथित तौर पर बस की खिड़की के शीशे तोड़ दिए गए थे. प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की.
गोवा कांग्रेस का राजभवन के निकट विरोध प्रदर्शन
गोवा कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी को समन किए जाने खिलाफ पणजी में राजभवन के पास प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान काले झंडे लहराए. राजभवन की ओर मार्च करते समय कांग्रेस की गोवा इकाई के प्रमुख अमित पाटकर और पार्टी के कई अन्य नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें राज्य की राजधानी के निकट दोना-पावला स्थित राजभवन की ओर जाने वाली सड़क पर रोक लिया गया और बाद में पणजी थाने ले जाया गया. अधिकारी ने कहा, 'प्रदर्शन के दौरान कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी न हो, इसलिये उन्हें ऐहतियातन हिरासत में लिया गया है.' हालांकि, पाटकर ने संवाददाताओं से कहा कि वे राज्यपाल पी. एस. श्रीधरन पिल्लई से मिलने गए थे. उन्होंने कहा, 'राज्यपाल के साथ हमारी मुलाकात होनी थी, लेकिन इसके बावजूद हमें हिरासत में ले लिया गया.'
पंजाब में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल
पंजाब पुलिस ने गुरुवार को चंडीगढ़ में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के एक समूह को तितर-बितर करने के लिये पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, जो केंद्र द्वारा अलोकतांत्रिक तरीके' से पार्टी नेताओं को निशाना बनाए जाने को लेकर राजभवन की ओर मार्च निकालने का प्रयास कर रहे थे. कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नेतृत्व में नेता और कार्यकर्ता सेक्टर 15 में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में एकत्र हुए, जहां से उन्होंने लगभग चार किलोमीटर दूर पंजाब के राजभवन की ओर पैदल मार्च करने का प्रयास किया, लेकिन जल्द ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
चंडीगढ़ में कांग्रेस का प्रदर्शन
पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रमुख बरिंदर सिंह और कई विधायकों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया. पुलिस ने पूरे मार्ग पर अवरोधक लगा रखे थे और जब कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने उन्हें फांदने का प्रयास किया, तो उन्हें तितर-बितर करने के लिये पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया. बाद में कुछ देर के लिये उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
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मार्च निकालने से पहले वडिंग ने पत्रकारों से कहा केंद्र सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके 'अलोकतांत्रिक तरीके' से पार्टी नेताओं को निशाना बना रही है. उन्होंने नेशनल हेराल्ड धनशोधन मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से ईडी द्वारा लगातार पूछताछ किये जाने को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा. वडिंग ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को जिस तरह दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय में घुसकर कथित रूप से कई सदस्यों की पिटाई की, वह हैरान करने वाली है.
बेंगलुरु में कांग्रेस का प्रदर्शन
राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में बेंगलुरु में भी कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजभवन का घेराव करने के लिए एक रैली निकाली. इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि पार्टी कांग्रेस नेताओं को 'फंसाने की साजिश' के खिलाफ है.
उन्होंने कहा, हम जांच के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम अपनी नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी की छवि खराब करने के लिए झूठे मामले में फंसाने की साजिश की निंदा करते हैं. बाद में, कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उनसे अनुरोध किया गया कि वह कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ चल रही सभी अवैध ईडी कार्यवाही को बंद कराएं और कांग्रेस नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने से न रोका जाए.
दिल्ली कांग्रेस ने पुलिस के खिलाफ राज निवास के निकट मार्च निकाला
कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय में पुलिस के कथित तौर पर घुसने और नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की पिटाई करने की घटना के विरोध में गुरुवार को दिल्ली के सिविल लाइन इलाके में प्रदर्शन किया और राज निवास के निकट मार्च निकाला. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने यहां मार्च निकाला. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें राज निवास तक पहुंचने से रोक दिया और प्रदर्शन को तितर-वितर करने के लिए वाटर कैनन का उपयोग किया.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने पार्टी के मुख्यालय पर हमला बोला और कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की. उन्होंने यह भी कहा था कि पुलिस के इस व्यवहार और जनता के हक में उठने वाली राहुल गांधी की आवाज को दबाए जाने के खिलाफ कांग्रेस बृहस्पतिवार को सभी राज भवनों का घेराव करेगी. दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस के इस आरोप को खारिज करते हुए इसे निराधार बताया था.
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