दिल्ली पुलिस ने काग्रेस नेता प्रियंका गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं को हिरासत से रिहा कर दिया है.
राष्ट्रपति से मिले राहुल, कहा- कृषि कानून वापस लेने होंगे, प्रियंका हिरासत से रिहा
13:22 December 24
12:05 December 24
राष्ट्रपति से मिले राहुल गांधी
कांग्रेस मार्च को रोके जाने के बाद राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी और गुलाम नबी आजाद राष्ट्रपति से मिले. मुलाकात के बाद राहुल ने कहा कि कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है. नए कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा. किसानों की आवाज राष्ट्रपति तक पहुंचाई है. कृषि कानून को वापस लिया जाए. किसान दुख-दर्द में मर रहे हैं. किसान-मजदूर मोदी सरकार में परेशान हैं. किसान के सामने कोई शक्ति खड़ी नहीं हो सकती है. किसानों के निवेश का फायदा दो तीन लोगों को हो रहा है. किसानों को पता है चोरी हो रही है.
पीएम मोदी को किसान पूरी तरह से समझ चुके हैं. सरकार के खिलाफ बोलने वालों को देशद्रोही कहा जाता है. पीएम मोदी देश को कमजोर कर रहे हैं. हिरासत में लेना और मारना ही उनका काम है. देश से सारे मध्यम उद्योग खत्म हो चुके हैं. पीएम मोदी चीन के मुद्दे पर चुप क्यों हैं. भारत में लोकतंत्र खत्म हो चुका है.
11:50 December 24
हिरासत में प्रियंका, बोलीं- सरकार पापी है
राष्ट्रपति से मिलने जा रहे कांग्रेस नेताओं को दिल्ली पुलिस ने रोक दिया है. पुलिस ने धारा 144 लागू कर दी है और प्रियंका गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया है.
प्रियंका गांधी ने कहा कि इस सरकार के खिलाफ किसी भी तरह के असंतोष को आतंक का रूप बता दिया जाता है. हम किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए यह मार्च कर रहे हैं.
प्रियंका ने आगे कहा कि हम लोकतंत्र में रह रहे हैं और वे सांसद चुने गए हैं. उन्हें राष्ट्रपति से मिलने का अधिकार है और उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए. उससे क्या समस्या है? सरकार सीमाओं पर डेरा डाले लाखों किसानों की आवाज सुनने के लिए तैयार नहीं है.
किसानों के लिए उनके (भाजपा नेताओं और समर्थकों) नामों का इस्तेमाल करना पाप है. अगर सरकार उन्हें देश विरोधी कह रही है, तो सरकार पापी है.
11:26 December 24
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि बीजेपी की सरकार किसानों के पेट पर लात मार रही है और हमारा कर्तव्य है कि हम किसानों के साथ खड़े रहें इसलिए हम लोग अपना कर्तव्य निभाएंगे.
11:23 December 24
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सासंदों को कांग्रेस दफ्तर से बाहर जाने से रोका जा रहा है.
11:19 December 24
राहुल गांधी ने किया ट्वीट
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर सरकार को घेरा है. राहुल ने लिखा कि भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं, इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा.
11:06 December 24
दिल्ली इलाके में धारा 144 लागू, नहीं मिली राष्ट्रपति से मिलने की इजाजत
कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस नेताओं के साथ राहुल गांधी. राहुल गांधी के नेतृत्व में आज कांग्रेस सांसद विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च करेंगे और राष्ट्रपति को 2 करोड़ हस्ताक्षर का एक ज्ञापन सौंपेंगे. लेकिन जानकारी के मुताबिक सिर्फ 3 कांग्रेस नेताओं को राष्ट्रपति से मुलाकात करने की इजाजत मिली है. साथ ही नई दिल्ली इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है और राष्ट्रपति भवन के पास सुरक्षा को बढ़ाया गया है.
11:01 December 24
सिर्फ तीन नेताओं को मिली राष्ट्रपति भवन जाने की इजाजत : सूत्र
चाणक्यपुरी एसीपी ने कहा कि केवल नेताओं, जिनके पास अनुमति है, उन्हें राष्ट्रपति भवन जाने की अनुमति होगी. जानकारी के मुताबिक सिर्फ 3 कांग्रेस नेताओं को राष्ट्रपति से मुलाकात करने की इजाजत मिली है.
10:44 December 24
राहुल की अगुवाई में कांग्रेस राष्ट्रपति भवन जाएगी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी मुख्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और सांसदों से मुलाकात की. कांग्रेस आज राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपने वाली है.
09:38 December 24
कांग्रेस मार्च लाइव अपडेट
नई दिल्ली :केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ गतिरोध जारी है. कांग्रेस पार्टी इस मसले को लेकर केंद्र को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है. आज राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस राष्ट्रपति भवन तक मार्च करेगी.
कांग्रेस पार्टी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे और उनके समक्ष दो करोड़ वाला ज्ञापन प्रस्तुत करेंगे. खबर के मुताबिक आज सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक कांग्रेस पार्टी मार्च करेगी. इसके बाद राहुल गांधी राष्ट्रपति को ज्ञापन सौपेंगे.
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 29वां दिन . दिल्ली बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं.
बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि अधिनियमों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों में निरर्थक संशोधन करने की बात को नहीं दोहराए, क्योंकि इन्हें पहले ही खारिज किया जा चुका है, बल्कि वार्ता को बहाल करने के लिए लिखित में ठोस पेशकश लेकर आए.
सरकार की वार्ता की पेशकश पर दिए जवाब में किसान नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर उन्हें कोई ठोस प्रस्ताव मिलता है तो वे खुले दिमाग से बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन यह स्पष्ट किया कि वे तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी से कम पर कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे.
बता दें कि प्रदर्शनकारी किसान संघों ने गेंद सरकार के पाले में होने की जिक्र करते हुए बुधवार को उससे कहा कि वह बातचीत फिर से शुरू करने के लिये नया ठोस प्रस्ताव लेकर आए, वहीं कृषि मंत्री ने कहा कि समाधान तक पहुंचने का संवाद ही एक मात्र रास्ता है और सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिये प्रतिबद्ध है.
पढ़ें :आंदोलन का 29वां दिन : किसान ने केंद्र से कहा, नए कानूनों में संशोधन मंजूर नहीं
उल्लेखनीय है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग से पीछे हटने से किसान संगठनों के इनकार करने के बाद बने गतिरोध के बीच नौ दिसंबर को छठे दौर की वार्ता रद्द हो गयी थी.