नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि इस बात में कोई दम नहीं है कि जब गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष बुलाया गया था तब भारतीय जनता पार्टी और मोदी ने कोई विरोध नहीं किया था. पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने संवाददाताओं से कहा, 'सोशल मीडिया और कुछ चुनिंदा मीडिया के जरिये यह बताने का प्रयास हुआ है कि मोदी जी को भी एसआईटी ने बुलाया था और उस वक्त वो शांति से एसआईटी के सामने चले गए थे. यह सरासर झूठ है कि मोदी जी को जब एसआईटी के सामने बुलाया था तब, भाजपा और मोदी जी ने कोई भी विरोध नहीं किया था.'
उन्होंने दावा किया, 'जब मोदी को एसआईटी के सामने बुलाया गया तब भाजपा ने पूरे गुजरात में कांग्रेस और संप्रग सरकार एवं राज्य के राज्यपाल के खिलाफ बहुत बुरे-बुरे नारे दीवारों पर लिखवाये थे और कहीं कहीं पर जुलूस निकाल कर भाजपा के लोगों ने नारेबाजी की थी.'
गोहिल का कहना था, 'यह भी गलत है कि मोदी सीधे ही एसआईटी के सामने पेश हो गए थे. एसआईटी के सामने ना पेश होने के लिए उस वक्त भी भाजपा के विधायक कालू मालिवाड़ को उच्च न्यायालय भेजा गया था. उच्च न्यायालय ने भाजपा विधायक की याचिका खारिज कर दी. इसके बाद उच्चतम न्यायालय का रुख किया गया था, लेकिन वहां से भी कोई राहत ना मिलने के बाद मोदी एसआईटी के सामने पेश हुए थे.'
सोनिया गांधी की प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष दूसरी बार पेशी को लेकर गोहिल ने दावा किया कि कांग्रेस ने राजघाट पर धरने का आग्रह किया था, लेकिन दिल्ली पुलिस से अनुमति नहीं मिली. उन्होंने कहा, 'राज घाट पर अंदर की ओर धरने की अनुमति दी गई, लेकिन यह कहा गया कि मीडिया वहां नहीं आ सकता, टेंट नहीं लगाया जा सकता, माइक नहीं लगा सकते और लोगों को बसों से नहीं ला सकते.' गोहिल ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर मंगलवार को संसद के भीतर और बाहर कड़ा विरोध दर्ज कराएगी.