पटना/दिल्ली: दिल्ली में विपक्षी एकता से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच रार बढ़ती जा रही है. एक ओर जहां केजरीवाल 'अध्यादेश के खिलाफ समर्थन' वाली शर्त के साथ विपक्षी मीटिंग शुरू करने पर अड़े हैं, तो वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें खरी-खरी सुना दिया. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अध्यादेश का समर्थन या विरोध बाहर नहीं होता यह अरविंद केजरीवाल को पता होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पर जब भी सदन चलेगा तो इस मुद्दे पर सभी पार्टियां मिलकर एजेंडा तय कर उस दिशा में काम करेंगी.
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''अरविंद केजरीवाल को यह पता होगा कि अध्यादेश का समर्थन या विरोध बाहर नहीं होता, यह सब सदन के अंदर होता है. जब संसद शुरू होगी तो सभी पार्टियां मिलकर एजेंडा तय करेंगी.''- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे
केजरीवाल को कांग्रेस का जवाब : दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष दिल्ली से पटना की विपक्षी एकता बैठक के लिए रवाना हो रहे थे तो उस दौरान उन्होंने केजरीवाल के अध्यादेश वाले सवाल का जवाब मीडियाकर्मियों को दिया. उन्होंने कहा कि पटना जाने के बाद एक अच्छी राय बनेगी. हम सभी बीजेपी को देश से भगाना चाहते हैं. राहुल गांधी ने पहले ही विपक्षी एक की शुरूआत की थी, विपक्षी एकता की बैठक उसी सोच का हिस्सा है.
अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस का समर्थन चाहती है आप: केजरीवाल अध्यादेश के खिलाफ राय बनाने के लिए सभी विपक्षी दलों को साथ लेना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने ये भी कह दिया था कि बैठक की शुरुआत उनके अध्यादेश के खिलाफ चर्चा के बाद होगी. नहीं तो वो बैठक का बहिष्कार तक कर सकते हैं. इसी सवाल का जवाब खरगे दे रहे हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला केंद्र सरकार के खिलाफ आने के बाद मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार वापस ले लिया और कोर्ट के फैसले को पलट दिया.
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी किया था हमला : संदीप दीक्षित ने केजरीवाल के बयान को नाटकीय बयान बताते हुए चेताया था कि'पटना में होने वाली बैठक कोई सौदेबाजों की बैठक नहीं है.' कांग्रेस लीडर संदीप दीक्षित ने कहा कि उन्हें पहले से पता था कि वो इस बैठक में शामिल न होने का बहाना ढूंढ रहे हैं.