नई दिल्ली : सोनिया गांधी से प्रेरणा लेते हुए पार्टी के सारे शीर्ष नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को अगले कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में समर्थन देने के लिए तैयार हो गए हैं. जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर ने चुनावों को 'यथास्थिति बनाम बदलाव' के मुद्दे के रूप में पेश किया. हाई-प्रोफाइल चुनाव में सोनिया गांधी के विश्वासपात्र खड़गे की आखिरी समय में एंट्री ने कुछ दिनों से चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया. इसके साथ ही अशोक गहलोत और दिग्विजय सिंह जैसे अनुभवी नेताओं को हाशिये पर धकेल दिया. कौन बनेगा King Of Cong.
गहलोत राजस्थान में सुचारु सत्ता परिवर्तन सुनिश्चित करने में विफल रहने के बाद गुरुवार को अध्यक्ष पद की रेस से पीछे हट गए थे, जबकि दिग्विजय मौजूदा पार्टी प्रमुख की पसंद को भांपते हुए इस दौड़ से हट गए. खड़गे के नाम पर पार्टी के प्रमुख पद के लिए संभावित के रूप में पार्टी हलकों में चर्चा की गई थी, लेकिन उन्होंने पिछले सप्ताह से शुक्रवार की सुबह तक सावधानी से खुद को लो प्रोफाइल बनाए रखा.
लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने खड़गे से कुछ समय पहले अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. उन्होंने अध्यक्ष पद के चुनाव को 'बदलाव बनाम यथास्थिति' के बीच एक प्रतियोगिता के रूप में पेश किया. उन्होंने सत्ता के विकेंद्रीकरण को आगे बढ़ाने और कांग्रेस को फिर से मजबूत करने के लिए युवाओं की अधिक भूमिका पर प्रकाश डाला.
पर्चा दाखिल करने के बाद थरूर ने कहा, 'जो लोग बदलाव चाहते हैं वे मेरा समर्थन करेंगे जबकि यथास्थिति को पसंद करने वाले खड़गे का सपोर्ट करेंगे. यह कोई लड़ाई नहीं है. यह एक दोस्ताना लड़ाई है. खड़गे के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है.' उन्होंने कहा, 'चुनाव 9000 से अधिक पीसीसी प्रतिनिधियों की इच्छाओं को दर्शाएगा जो चुनाव में मतदान करेंगे.'
हैशटैग 'थिंक चेंज थिंक थरूर' :लोकसभा सांसद ने हैशटैग 'थिंक चेंज थिंक थरूर' (ThinkChangeThinkTharoor) के साथ अपना ऑनलाइन अभियान भी शुरू किया. यह दर्शाने के लिए कि वह एक योजना के साथ मैदान में हैं. यहां तक कि उन्होंने एक बुकलेट भी प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने बदलाव लाने का प्रस्ताव रखा है. ये बुकलेट पीसीसी प्रतिनिधियों को वितरित की जाएगी.
थरूर ने यह भी कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने उनसे कहा था कि वे चुनाव में तटस्थ रहेंगे और पार्टी के शीर्ष पद के लिए कंपटीशन सबसे पुरानी पार्टी की लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुसार थी. हालांकि, बड़ी और पुरानी पार्टी में हवा किस ओर बह रही है, इसका संकेत तब मिल गया जब गहलोत और दिग्विजय सहित कई दिग्गजों ने खड़गे के साथ एकजुटता व्यक्त की.
कांग्रेस में सोनिया के प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एके एंटनी, अशोक गहलोत, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, अजय माकन, आनंद शर्मा, पवन बंसल, भूपेंदर हुड्डा, दिग्विजय सिंह, तारिक अनवर, सलमान खुर्शीद, मनीष तिवारी, पृथ्वीराज चव्हाण सहित अन्य ने प्रस्तावक के रूप में खड़गे के नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किए.
इसके विपरीत, जब थरूर ने नामांकन पत्र दाखिल किया तो शायद ही उनके नाम के लायक कोई दिग्गज समर्थन के लिए आया हो. फिर भी, थरूर ने बताया कि उनकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव 12 राज्यों के 60 पीसीसी प्रतिनिधियों द्वारा किया गया था. एक तरह से उन्हें पार्टी में राष्ट्रव्यापी समर्थन मिला है. थरूर ने कहा, 'मैं सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आवाज को प्रतिबिंबित करूंगा.'