दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कौन बनेगा King Of Cong: सोनिया के प्रभाव से खड़गे के समर्थन में आए पार्टी के शीर्ष नेता, थरूर की पंचलाइन 'बदलाव बनाम यथास्थिति'

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में नामांकन के आखिरी दिन मल्लिकार्जुन खड़गे, शशि थरूर और केएन त्रिपाठी ने पर्चा भरा. खड़गे के नामांकन में जिस तरह से जी23 के नेताओं ने भी प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए हैं, उससे कांग्रेस में सोनिया के प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट. कौन बनेगा King Of Cong.

congress president
कांग्रेस अध्यक्ष

By

Published : Sep 30, 2022, 5:06 PM IST

Updated : Sep 30, 2022, 10:20 PM IST

नई दिल्ली : सोनिया गांधी से प्रेरणा लेते हुए पार्टी के सारे शीर्ष नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को अगले कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में समर्थन देने के लिए तैयार हो गए हैं. जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर ने चुनावों को 'यथास्थिति बनाम बदलाव' के मुद्दे के रूप में पेश किया. हाई-प्रोफाइल चुनाव में सोनिया गांधी के विश्वासपात्र खड़गे की आखिरी समय में एंट्री ने कुछ दिनों से चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया. इसके साथ ही अशोक गहलोत और दिग्विजय सिंह जैसे अनुभवी नेताओं को हाशिये पर धकेल दिया. कौन बनेगा King Of Cong.

गहलोत राजस्थान में सुचारु सत्ता परिवर्तन सुनिश्चित करने में विफल रहने के बाद गुरुवार को अध्यक्ष पद की रेस से पीछे हट गए थे, जबकि दिग्विजय मौजूदा पार्टी प्रमुख की पसंद को भांपते हुए इस दौड़ से हट गए. खड़गे के नाम पर पार्टी के प्रमुख पद के लिए संभावित के रूप में पार्टी हलकों में चर्चा की गई थी, लेकिन उन्होंने पिछले सप्ताह से शुक्रवार की सुबह तक सावधानी से खुद को लो प्रोफाइल बनाए रखा.

लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने खड़गे से कुछ समय पहले अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. उन्होंने अध्यक्ष पद के चुनाव को 'बदलाव बनाम यथास्थिति' के बीच एक प्रतियोगिता के रूप में पेश किया. उन्होंने सत्ता के विकेंद्रीकरण को आगे बढ़ाने और कांग्रेस को फिर से मजबूत करने के लिए युवाओं की अधिक भूमिका पर प्रकाश डाला.

पर्चा दाखिल करने के बाद थरूर ने कहा, 'जो लोग बदलाव चाहते हैं वे मेरा समर्थन करेंगे जबकि यथास्थिति को पसंद करने वाले खड़गे का सपोर्ट करेंगे. यह कोई लड़ाई नहीं है. यह एक दोस्ताना लड़ाई है. खड़गे के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है.' उन्होंने कहा, 'चुनाव 9000 से अधिक पीसीसी प्रतिनिधियों की इच्छाओं को दर्शाएगा जो चुनाव में मतदान करेंगे.'

हैशटैग 'थिंक चेंज थिंक थरूर' :लोकसभा सांसद ने हैशटैग 'थिंक चेंज थिंक थरूर' (ThinkChangeThinkTharoor) के साथ अपना ऑनलाइन अभियान भी शुरू किया. यह दर्शाने के लिए कि वह एक योजना के साथ मैदान में हैं. यहां तक ​​​​कि उन्होंने एक बुकलेट भी प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने बदलाव लाने का प्रस्ताव रखा है. ये बुकलेट पीसीसी प्रतिनिधियों को वितरित की जाएगी.

थरूर ने यह भी कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने उनसे कहा था कि वे चुनाव में तटस्थ रहेंगे और पार्टी के शीर्ष पद के लिए कंपटीशन सबसे पुरानी पार्टी की लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुसार थी. हालांकि, बड़ी और पुरानी पार्टी में हवा किस ओर बह रही है, इसका संकेत तब मिल गया जब गहलोत और दिग्विजय सहित कई दिग्गजों ने खड़गे के साथ एकजुटता व्यक्त की.

कांग्रेस में सोनिया के प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एके एंटनी, अशोक गहलोत, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, अजय माकन, आनंद शर्मा, पवन बंसल, भूपेंदर हुड्डा, दिग्विजय सिंह, तारिक अनवर, सलमान खुर्शीद, मनीष तिवारी, पृथ्वीराज चव्हाण सहित अन्य ने प्रस्तावक के रूप में खड़गे के नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किए.

इसके विपरीत, जब थरूर ने नामांकन पत्र दाखिल किया तो शायद ही उनके नाम के लायक कोई दिग्गज समर्थन के लिए आया हो. फिर भी, थरूर ने बताया कि उनकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव 12 राज्यों के 60 पीसीसी प्रतिनिधियों द्वारा किया गया था. एक तरह से उन्हें पार्टी में राष्ट्रव्यापी समर्थन मिला है. थरूर ने कहा, 'मैं सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आवाज को प्रतिबिंबित करूंगा.'

जानिए किसे कितना अनुभव :हालांकि थरूर केरल के तिरुवनंतपुरम से तीसरी बार लोकसभा सांसद हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. खड़गे ने 1972 में विधायक के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी. उन्होंने कर्नाटक में आठ विधानसभा कार्यकाल पूरे किए हैं. इसके साथ ही दोनों लोकसभा में कार्यकाल भी पूरा किया है. वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं. 2021 में राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में खड़गे की नियुक्ति वास्तव में उन पर सोनिया गांधी के भरोसे का संकेत था.

तब से, वह संसद सत्रों के दौरान विपक्ष का नेतृत्व कर रहे हैं. खड़गे 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए सोनिया की बड़ी विपक्षी एकता योजनाओं का केंद्र बिंदु रहे हैं. खड़गे को राज्यों के शीर्ष नेता भी काफी सम्मान देते हैं. उन्होंने सोनिया के लिए कई संकटों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. खड़गे ने कहा कि ' जब मैं बच्चा था तब से मुझे कांग्रेस की विचारधारा पसंद थी और मैं दीवार पर पोस्टर चिपका देता था. मैं भविष्य में भी पार्टी की विचारधारा को मजबूत करूंगा.' खड़गे ने कहा कि मौका देने के लिए पार्टी को धन्यवाद दिया और पीसीसी के प्रतिनिधियों से उम्मीदवारी का समर्थन करने का आग्रह किया है.

खड़गे पार्टी में पुराने रक्षक की तरह हैं, जो सोनिया गांधी की तरह सहमति वाले दृष्टिकोण रखते हैं, थरूर के विपरीत, जिन्होंने पहले दिन से ही सिस्टम में अंतराल के बारे में बात करना शुरू कर दिया है. खड़गे दलित पृष्ठभूमि से आते हैं. वह पार्टी में कई लोगों के लिए आम व्यक्ति के रूप में सामने आते हैं. थरूर तकनीक के जानकार हैं, लेकिन ज्यादातर अंग्रेजी बोलने वाले मध्यम वर्ग की पसंद हैं.

खड़गे ने मुख्य चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि चुनाव 17 अक्टूबर को होंगे और नतीजे 19 अक्टूबर को सामने आएंगे. खड़गे के करीबी सूत्रों ने कहा कि वह सोशल मीडिया पर भले ही सक्रिय नहीं हैं, लेकिन पीसीसी के प्रतिनिधियों तक पहुंचेंगे. वह अपने विचारों को प्रचारित करने के लिए नए जमाने के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का अच्छा इस्तेमाल करेंगे.

ग्रैंड ओल्ड पार्टी में सन 2000 के बाद पार्टी के शीर्ष पद के लिए मुकाबला हो रहा है. तब सोनिया गांधी ने जितेंद्र प्रसाद को भारी अंतर से हराया था और कांग्रेस अध्यक्ष चुनी गईं थीं.

पढ़ें- कौन बनेगा King Of Cong: खड़गे, थरूर और केएन त्रिपाठी ने किया नामांकन, जी23 समूह ने लिया यह स्टैंड

पढ़ें: Congress president election : गैर-गांधी बनेंगे अध्यक्ष, कितना रह जाएगा सोनिया-राहुल का असर ?

पढ़ें: सोनिया को अपनी भावनाओं से अवगत कराया, राजस्थान के संदर्भ में वह सकारात्मक निर्णय लेंगी: पायलट

पढ़ें: गांधी परिवार एक्सपायर्ड दवाई है : हिमंत बिस्वा सरमा

Last Updated : Sep 30, 2022, 10:20 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details