क्या कांग्रेस में ऑल इज वेल है ? रायपुर: कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन 24 से 26 फरवरी के बीच रखा गया है. जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित पार्टी के तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे. छत्तीसगढ़ के भी पदाधिकारी इस महाधिवेशन में शामिल होंगे. लेकिन अधिवेशन के पहले ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस की गुटबाजी एक बार फिर दिखने लगी है.
राष्ट्रीय महाधिवेशन से पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस में गुटबाजी सीएम की शिकायत पर कांग्रेस पदाधिकारियों को नोटिस:कांग्रेस में गुटबाजी का ताजा उदाहरण प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महासचिव (संगठन) अमरजीत चावला को जारी किया गया नोटिस है. इसमें पीसीसी कार्यालय में पदस्थ रहते हुए कांग्रेस सरकार के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणी करने, आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल के अनुमति नहीं दिए जाने पर पार्टी लाइन के अलग जाकर राज्यपाल का पक्ष लेने और भूपेश बघेल के खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया गया है.
अनुशासन समिति के पास मामला: बताया जा रहा है कि इनकी शिकायत खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा की गई है. कांग्रेस अनुशासन समिति की ओर से जारी नोटिस में ही साफ है कि चावला के खिलाफ शिकायत खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है. मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों यह शिकायत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तक पहुंचाई है. कांग्रेस अध्यक्ष से यह मामला अनुशासन समिति को सौंपा गया है. अब अनुशासन समिति ने चावला से जवाब मांगा है.
कांग्रेस की गुटबाजी पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं:कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा का कहना है कि "कांग्रेस पार्टी और संगठन के अंदर जो अंदरूनी कलह है, वह एक बार फिर उभर कर सामने आ गया है. क्योंकि महामंत्री के खिलाफ शिकायत करना, वह भी सरकार विरोधी कार्य कर रहे हैं, अध्यक्ष के नाम शामिल है और 2 लोगों को नोटिस जारी करना, उसमें भी एक पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम और दूसरे महामंत्री को.
मुझे लगता है यह मामला जैसा दिख रहा है, वैसा नहीं है. जिस आधार पर अभी नोटिस दिया गया है, वह कांग्रेस के अंदरूनी राजनीति में जो चल रहा है, उसको उजागर करता है. कांग्रेस के अंदर चल रही यह स्थिति आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर ठीक नहीं है. यह कांग्रेस के लिए शुभ संकेत नहीं है.
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नाराजगी दूर करने के लिए स्वागत समिति में जोड़े 15 और सदस्य: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 114 नेताओं वाली एक स्वागत समिति बनाई है. यह सूची तीन फरवरी को जारी किया गया था. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को इसका अध्यक्ष और सीएम भूपेश बघेल को सह अध्यक्ष बनाया गया था. बाकी मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों और प्रमुख नेताओं के नाम भी शामिल किये गये थे.
जानकारी के मुताबिक, इस सूची में शामिल नेताओं का नाम प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की ओर से भेजा गया था. यही वजह थी कि पार्टी के दूसरे धड़े में इसे लेकर नाराजगी थी और इस नाराजगी को दूर करने के लिए सीएम की ओर से एक अन्य सूची एआईसीसी को भेजी गई थी. जिसके बाद इस सूची में 15 और नेताओं को जगह दी गई, जिसमें सीएम सलाहकार रुचिर गर्ग, विनोद वर्मा और कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला सहित अन्य नाम शामिल है.
महाधिवेशन के बैनर-पोस्टर से मोहन मरकाम गायब:कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन के लिए शहर भर में पोस्टर लगाए जा रहे हैं. एयरपोर्ट के आसपास पार्टी नेताओं के कट-आउट और बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं. इन पोस्टरों में भी गुटबाजी की झलक साफ नजर आ रही है. इनमें राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, शैलजा और सीएम भूपेश बघेल के कट आउट-पोस्टर लगे हैं. राष्ट्रीय महा अधिवेशन को लेकर लगाए जा रहे इन पोस्टरो में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की तस्वीर गायब है.
खास बात यह है कि मोहन मरकाम स्वागत समिति के चेयरमैन भी है, बावजूद इसके उनकी तस्वीर इन बैनर पोस्टरों और कटआउट से गायब है. जिसे लेकर मोहन मरकाम के समर्थकों ने आपत्ति जताई है. इतना ही नहीं, उन्होंने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा से भी इसकी शिकायत की है. जिसके बाद उन्होंने संज्ञान लेने की बात कही है.
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भाजपा ने कांग्रेस पर लगाया आदिवासी विरोधी होने का आरोप: महाधिवेशन मामले को लेकर भाजपा ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा है. छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा कि "कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के लिए एक आदिवासी को प्रदेश अध्यक्ष बना तो दिया, लेकिन कांग्रेस की विचारधारा यही है कि आदिवासी दबा कुचला रहे, उसे कभी सम्मान ना मिले, वह कभी नेतृत्व न करे. कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में स्वागत समिति के अध्यक्ष बनाये गए मरकाम को प्रदेश प्रभारी के स्वागत प्रचार में हटाया जाना साबित कर रहा है कि कांग्रेस की नजर में आदिवासी का कितना सम्मान है. मोहन मरकाम का अपमान इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है."
विकास मरकाम ने कहा कि "प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को पहले भी कई बार अपमानित किया गया है. उनके खिलाफ एक ऐसा षड्यंत्र रचा जा रहा है, जो पहले टीएस सिंहदेव के लिए रचा जा चुका है. राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी महिला का विरोध करने वाले दिखावे के लिए एक आदिवासी को अपना प्रदेश अध्यक्ष जरूर बनाए हुए हैं. लेकिन उनका भी वैसा ही विरोध चल रहा है, जैसा राष्ट्रपति पद की आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का विरोध छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे थे."