नई दिल्ली:तेलंगाना में कांग्रेस के बदलाव से उत्साहित, पार्टी आलाकमान अब पड़ोसी राज्य ओडिशा में पुनरुद्धार रणनीति को लागू करने के इच्छुक हैं, जहां सबसे पुरानी पार्टी वर्तमान में सत्तारूढ़ बीजद और विपक्षी भाजपा के बाद तीसरी नंबर पर है.
कांग्रेस इस महीने पश्चिमी ओडिशा में राहुल गांधी द्वारा संबोधित की जाने वाली एक बड़ी रैली की योजना बना रही है और इसके बाद पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा की सार्वजनिक बैठकें होंगी. खड़गे, राहुल और प्रियंका ने तेलंगाना अभियान का नेतृत्व किया था.
ओडिशा के एआईसीसी प्रभारी चेल्ला कुमार ने ईटीवी भारत को बताया, 'तेलंगाना एक उल्लेखनीय वापसी करने जा रहा है. तेलंगाना में पार्टी की सफलता का निश्चित रूप से ओडिशा और उससे आगे के सीमावर्ती इलाकों पर असर पड़ेगा. हमारा मानना है कि ओडिशा पार्टी के लिए उपजाऊ जमीन है और अगर हम आक्रामक अभियान शुरू करते हैं, तो पुनरुद्धार संभव है.'
उन्होंने कहा कि 'हम दिसंबर में ओडिशा के पश्चिमी हिस्सों में राहुल गांधी द्वारा संबोधित की जाने वाली एक बड़ी रैली की योजना बना रहे हैं, जहां कांग्रेस की अभी भी जमीनी स्तर पर काफी उपस्थिति है. रैली कोरापुट या किसी नजदीकी जगह पर हो सकती है. हमने मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी वाड्रा से भी अलग-अलग रैलियों को संबोधित करने का अनुरोध किया है. हम इस महीने एक श्रृंखला में तीन शीर्ष नेताओं की रैलियां निर्धारित करने की योजना बना रहे हैं. इससे हमें एक बड़ी शुरुआत मिलेगी.'
एआईसीसी प्रभारी के अनुसार, राहुल की रैली के 2024 के राष्ट्रीय अभियान के लिए माहौल तैयार करने के बाद राज्य इकाई बीजद सरकार को निशाना बनाते हुए आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू करेगी.
चेल्ला कुमार ने कहा कि 'मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अपनी सरकार चलाने के लिए नौकरशाही पर बहुत अधिक निर्भर हैं. जिला और तहसील स्तर के अधिकारी बीजद के पदाधिकारी के रूप में व्यवहार करते हैं. नतीजा, विकास प्रभावित हुआ है. हम उसका विरोध करेंगे.'