नई दिल्ली: गुजरात चुनाव में हार की जांच कर रहे कांग्रेस पैनल के ईवीएम में गड़बड़ी और आंतरिक तोड़फोड़ में भाजपा की संदिग्ध भूमिका को कांग्रेस पार्टी के अब तक के सबसे खराब चुनावी प्रदर्शन के कारणों के रूप में चिह्नित करने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी और भीतर से नुकसान में सत्तारूढ़ भाजपा की संदिग्ध भूमिका प्रमुख रूप से सामने आई है, जिसके कारण कांग्रेस 2017 में 77/182 सीटों से 2022 में केवल 17 पर आ गई.
नाम न छापने की शर्त पर एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'एक बहुत ही अजीबोगरीब घटना के पीछे ईवीएम और अन्य चुनावी गड़बड़ी की भूमिका संदिग्ध है. बीजेपी ने ईवीएम के साथ खिलवाड़ किया है. कुछ जगहों पर ईवीएम की बत्तियां बुझा दी गईं. अन्य जगहों पर मतदान प्रक्रिया में देरी हुई. उन्होंने मतदाताओं को परेशान किया. अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तकनीक अपनाई गई.'
पार्टी पदाधिकारी ने कहा, 'कांग्रेस के वोट आप को ट्रांसफर किए गए. स्थानीय लोग इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि कांग्रेस का वोट आप की तरफ चला गया. यहां तक कि प्रतिबद्ध कांग्रेस के वोट भी आप को उन जगहों पर स्थानांतरित हो गए, जहां बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं या स्थानीय पार्टी कार्यालय के मामले में नई पार्टी की जमीन पर कोई उपस्थिति नहीं थी. यह आश्चर्यजनक है. कुछ गलत काम था.'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस पार्टी गुजरात में बहुत आशावादी थी और उसे अपने वोट शेयर में 10 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद थी, लेकिन वोट शेयर 40 प्रतिशत से 13 प्रतिशत गिरकर 27 प्रतिशत हो गया. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने आगे कहा कि यह दिलचस्प था कि आप, जिसने पहली बार गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ा था, उसके कांग्रेस से हारने वाले वोटों का प्रतिशत (13 प्रतिशत) प्राप्त हुआ. सूत्रों के मुताबिक, जांच पैनल आंतरिक तोड़फोड़ कारक से भी चिंतित है, क्योंकि राज्य में कुछ जगहों पर रणनीतिक योजना को टाल दिया गया था.