नई दिल्ली : राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा दिल्ली के लाल किला पहुंच गई है. उन्होंने इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पूरा देश जानता है कि ये नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं, अंबानी अडानी की सरकार है. उन्होंने कहा कि मैं 2,800 किमी चला, मुझे कहीं भी नफरत या हिंसा नहीं दिखी मगर मैं जब भी न्यूज चैनल खोलता हूं तो हमेशा नफरत-हिंसा दिखाई देती है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष देश में नफरत फैलाकर लोगों का ध्यान भटका रहा है ताकि लोगों की जेब काटी जा सके. उन्होंने देश के एक बड़े उद्योगपति का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लगाम लगी हुई है और उनसे चीजें संभल नहीं रही हैं. सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'इस यात्रा का लक्ष्य भारत को जोड़ने का है. जब हमने यह यात्रा शुरू की तो सोच रहा था कि नफरत को मिटाने की जरूरत है. मेरे दिमाग में था कि इस देश में सब जगह नफरत फैली हुई है. मगर जब मैंने चलना शुरू किया तो सच्चाई बिल्कुल अलग थी...मीडिया के एक बड़े हिस्से में नफरत की बातें चलाई जाती हैं.'
उन्होंने कहा, 'इस यात्रा के दौरान मैं लाखों लोगों से मिला हूं. सब एक दूसरे से प्यार करते हैं, नफरत नहीं करते हैं. देश के 90 प्रतिशत लोग एक दूसरे नफरत नहीं करते.' राहुल गांधी ने चांदनी चौक की ओर इशारा करते हुए कहा, 'यहां मंदिर भी है, मस्जिद है और गुरुद्वारा है. यही हिंदुस्तान है.' उन्होंने दावा किया कि नफरत फैलाकर ध्यान भटकाया जाता है और हवाई अड्डे, बंदरगाह, सड़कें और देश की संपत्तियां प्रधानमंत्री के मालिकों के हवाले कर दी जाती हैं.
उन्होंने कहा, 'जब कोई जेब काटता है तो पहले यह देखता है कि जिसकी जेब काटी जा रही है, उसका ध्यान भटक जाए. यही देश में हो रहा है कि ध्यान भटकार देश की जेब काटी जा रही है.' कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा रोजगार छोटे व्यापारी देते हैं. राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी और ‘गलत जीएसटी’ कोई नीतिगत निर्णय नहीं था, बल्कि किसानों और छोटे व्यापारियों को मारने का हथियार था. उन्होंने कहा, 'अपने मालिकों के लिए प्रधानमंत्री ने छोटे व्यापारियों की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी.' राहुल गांधी ने कहा, 'जैसे प्रेस पर लगाम लगी हुई है उसी तरह देश के प्रधानमंत्री पर लगाम लगी हुई है. वह संभाल नहीं पा रहे हैं.'