नई दिल्ली : अग्निपथ योजना को लेकर विपक्षी पार्टी हमलावर है, खासकर कांग्रेस. कांग्रेस ने अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी किया. कांग्रेस के एक नेता ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादास्पद टिप्पणी भी कर दी. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी अपने तरीके से इस योजना का विरोध किया है. हालांकि, दो दिन पहले उन्होंने इस योजना का समर्थन किया था. लेकिन आज उन्होंने एक ट्वीट कर पूरा कैलकुलेशन लिख दिया. उन्होंने विस्तार से समझाया है कि किस तरह से इन नई योजना के तहत सेना की संख्या कम हो जाएगी.
मनीष तिवारी ने कहा कि यह योजना किसी रफ कैलकुलेशन का परिणाम है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि वह प्रदर्शन कर रहे युवाओं के साथ हैं. वह उनकी चिंताओं के समर्थन में खड़े हैं. उन्होंने लिखा, 'ग्रामीण क्षेत्र के सांसद के रूप में मैं सशस्त्र बलों में शामिल होने की युवाओं की चिंताओं के साथ खड़ा हूं. राजनीति से अलग इस नई भर्ती योजना के असर का गलत कैलकुलेशन किया गया है. अगर रिटायर्ड लोगों को सीएपीएफ और एसपीएफ में लिया जाता है, तो यह मुद्दा हल्का कैसे हो सकता है.'
उन्होंने अपने ट्वीट में कुछ कैलकुलेशन भी बताए हैं. उन्होंने लिखा....
- 2022 में सेना की कुल क्षमता 14 लाख है. और हर साल सेना से 60 हजार जवान रिटायर होते हैं.
- इस हिसाब से अगले 10 सालों में छह लाख सैनिक रिटायर हो जाएंगे.
- नई बहाली 45 हजार हर साल होगी. इसका मतलब है कि अगले 10 सालों में 4.5 लाख नई भर्ती.
- नई बहाली में से 75 फीसदी अगले चार साल बाद से रिटायर होने लगेंगे. यानी 33,750 सैनिक.
- अगले छह सालों तक कुल 2,02500 सैनिक रिटायर हो जाएंगे.
- इसलिए अगले 10 सालों (2032) में सेना में कुल जवान होंगे- 8 लाख + 4.5 लाख -202500 = 10,47,500.
- मुझे लगता है कि 2,02,500 अग्निवीरों को 10 सेंट्रल आर्म्ड पुलिस बल या फिर 36 राज्यों में पुलिस बल के तौर पर सुरक्षित नौकरी दी जा सकती है, ताकि उन्हें 58 या 60 सालों तक सभी सुविधाएं मिलती रहे.
हालांकि, आपको बता दें कि इस योजना की जब घोषणा की गई थी, तब मनीष तिवारी ने इसे सही दिशा में उठाया गया कदम बताया था. उन्होंने ट्वीट में यह भी लिखा था कि सेना में ऐसे सुधार की आवश्यकता समय की मांग है. उन्होंने यह भी कहा था कि सशस्त्र बलों को रोजगार गारंटी स्कीम नहीं होना चाहिए. तिवारी ने गत गुरुवार शाम को एक ट्वीट में सीधे तौर पर नई योजना का समर्थन नहीं किया, मगर उसे जरूरी बताया. उन्होंने लिखा, 'अग्निपथ भर्ती प्रक्रिया को लेकर जिन युवाओं को चिंता है, उनसे मेरी सहानुभूति है. वास्तविकता यह है कि भारत को एक युवा सैन्य बल की जरूरत है जो तकनीक में पारंगत हो, सबसे बेहतरीन हथियारों से लैस हो. संघ के सैन्य बल रोजगार गारंटी कार्यक्रम नहीं होने चाहिए.'
मनीष तिवारी के इस ट्वीट पर कांग्रेस सांसद सप्तगिरि उलाका ने उनपर तीखी टिप्पणी भी की थी. उन्होंने लिखा कि अग्निपथ योजना पर हमारा स्टैंड अलग है, जिसके बारे में जिम्मेदार लोगों की ओर से बताया जा चुका है. इस पर मनीष तिवारी ने भी काफी तल्ख भरे अंदाज में जवाब दिया था. उन्होंने कहा , 'ऐसे दुष्टता भरे ट्वीट्स करने से बाज आएं.' उन्होंने यह भी लिखा कि जब आप निक्कर में इधर-उधर घूम रहे होंगे, तब मैं कांग्रेस का कार्यकर्ता था.
अग्निपथ योजना की घोषणा 14 जून को की गई थी. इस योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के बीच के युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती करने का नियम है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है. बाद में, सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी. सेना ने कहा कि नयी भर्तियां सेना अधिनियम, 1950 के प्रावधानों के अधीन होंगी और ये अग्निवीर जमीन, समुद्र या हवा में जहां कहीं भी आदेश दिया जाएगा, वहां जाने के लिए उत्तरदायी होंगे.
दस्तावेज के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु के कर्मियों के लिए, नामांकन प्रपत्र पर माता-पिता या अभिभावकों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी. अग्निवीर नियमित सेवा करने वालों के लिए 90 दिनों के अवकाश की तुलना में वर्ष में 30 दिनों के अवकाश के लिए पात्र होंगे. चिकित्सकीय सलाह के आधार पर चिकित्सा अवकाश प्रदान किया जाएगा. इनको किसी तरह की पेंशन या ग्रेजुएटी नहीं मिलेगी.ये भी पढे़ं :कांग्रेस नेता का पीएम मोदी पर आपत्तिजनक बयान, हिटलर से की तुलना