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सरकार ने बीमा संशोधन विधेयक पारित कर संसदीय मानदंडों का उल्लंघन किया : कांग्रेस

संसद में इस संशोधित विधेयक के पारित होने को लेकर कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने ईटीवी भारत को एक साक्षातकार में कहा कि केंद्र सरकार का संसद के प्रति रवैया जगजाहिर है. संसद में इस विधेयक को ऐसे समय में आगे बढ़ाया जब अन्य मुद्दों पर हंगामा किया जा रहा था.

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Published : Aug 3, 2021, 10:55 AM IST

नई दिल्ली : संसद में पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर विपक्ष जब विरोध कर रहा था, उस वक्त केंद्र सरकार (Central Government) ने लोकसभा में सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 को पारित कर संसदीय मानदंडों का उल्लंघन किया है. यह आरोप कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर (Congress MP Manikam Tagore) ने आरोप लगाया है.

जानकारी के मुताबिक, विपक्षी सांसदों के विरोध के बीच लोकसभा में बिना किसी बहस के बीमा संशोधन अधिनियम पारित कर दिया गया. यह विधेयक सरकार को राज्य के स्वामित्व वाली सामान्य बीमा कंपनियों पर अपनी पकड़ कम करने, आवश्यक संसाधन का उत्पादन करने और सार्वजनिक क्षेत्र के सामान्य बीमाकर्ताओं को नए उत्पादों को तैयार करने में मदद करने की अनुमति देगा.

कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने ईटीवी भारत की बातचीत

दूसरी तरफ, संसद में इस संशोधित विधेयक के पारित होने को लेकर कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने ईटीवी भारत को एक साक्षातकार में कहा कि केंद्र सरकार का संसद के प्रति रवैया जगजाहिर है. संसद में इस विधेयक को ऐसे समय में आगे बढ़ाया जब अन्य मुद्दों पर हंगामा किया जा रहा था. सरकार द्वारा नियंत्रित बीमा क्षेत्र को नरेंद्र मोदी ने निजी कंपनियों के हाथों में सौंप दिया है. इस तरह से उन्होंने सभी संसदीय मानदंडों का उल्लंघन किया है.

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यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्ष भी केंद्र सरकार के खिलाफ मार्च निकालने पर विचार कर रहा है, मनिकम टैगोर ने जवाब दिया कि संसद एक ऐसा मंच है, जहां लोगों के मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए. अगर कोई विदेशी कंपनी मीडिया, चुनाव आयोग जैसे संस्थानों पर हमला करती है, तो हम मानते हैं कि इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए. हमें अभी भी उम्मीद है कि सरकार संसद की कार्यवाही को आगे बढ़ाने में सहयोग करेगी और पेगासस मुद्दे पर चर्चा करेगी.

बता दें कि विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में पेगासस विवाद को लेकर संसद में लगातार चर्चा की मांग उठा रहे हैं. ऐसे में लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है. भारत सरकार अभी भी पेगासस पर चर्चा करने के लिए सहमत नहीं हुई है. यह भी कहा जा रहा है कि कुछ विपक्षी सांसदों ने 'मॉक पार्लियामेंट' का सुझाव दिया है क्योंकि सरकार उनकी आवाज नहीं सुन रही है.

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