नई दिल्ली/चंडीगढ़: कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई को जान से मारने की धमकी (kuldeep bishnoi received death threats) मिली है. मंगलवार को उनके मोबाइल पर करीब दो बजे अज्ञात व्यक्ति की ओर से मैसेज भेजा गया. जिसमें लिखा है कि सुधर जा वरना मूसेवाला के साथ जो हुआ, वही तेरे साथ होगा. इस मामले में विधायक ने आदमपुर पुलिस थाना में शिकायत दी है. विधायक कुलदीप बिश्नोई की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. ये धमकी कुलदीप बिश्नोई को क्यों और किसने दी. इस बात का अभी तक पता नहीं चल पाया है.
हाल ही में कुलदीप बिश्नोई का नाम तब चर्चा में आया था जब हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव होना था. हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कुलदीप बिश्नोई का नाम रेस में थे. इस सिलसिले में कुलदीप बिश्नोई ने राहुल गांधी से मुलाकात भी की थी. राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कुलदीप बिश्नोई काफी आश्वस्त भी नजर आए, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने खेमे का अध्यक्ष चाह रहे थे. जबकि कुलदीप बिश्नोई खुद भी अध्यक्ष पद के लिए पिच तैयार करने में जुटे थे.
कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई को मिली जान से मारने की धमकी कुलदीप बिश्नोई कई बार दिल्ली पहुंचे और आला नेताओं से मुलाकात की. लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने बिश्नोई की ना सुनते हुए भूपेंद्र हुड्डा की बात को तवज्जो दी. जिसके बाद चार बार विधायक रह चुके उदय भान को अध्यक्ष बना दिया गया. उदय भान के नाम की घोषणा के बाद कुलदीप बिश्नोई ने ट्वीट कर बागी तेवर दिखाए थे. उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि 'कि जब तक मैं राहुल जी से जवाब ना मांग लूं हमें कोई कदम नहीं उठाना है. अगर मेरे प्रति आपके मन में स्नेह है तो संयम रखें.'
कौन हैं कुलदीप बिश्नोई?हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई हरियाणा की राजनीति में कद्दावर चेहरा हैं. कुलदीप बिश्नोई आदमपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के मौजूदा विधायक (congress mla kuldeep bishnoi) हैं. कांग्रेस के साथ उनका रिश्ता कभी हां-कभी ना का रहा है. कुलदीप पहले कांग्रेस में हुआ करते थे. साल 2007 में उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर हरियाणा जनहित कांग्रेस नाम की पार्टी बना ली, लेकिन हजकां का सियासी फायदा उन्हें मिल नहीं सका.
साल 2014 में कुलदीप बिश्नोई ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया और हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ा. लेकिन चुनाव में वो दुष्यंत चौटाला से हार गए. इस हार के बाद उनकी राजनीतिक पार्टी के वजूद पर सवाल उठे. साल 2016 में कांग्रेस के तत्कालीन उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर उन्होंने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया. तब से कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस में ही वरिष्ठ नेता के रूप में काम कर रहे हैं.
कुलदीप बिश्नोई का सियासी सफर: कुलदीप बिश्नोई हिसार की आदमपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक हैं. आदमपुर भजनलाल परिवार का गढ़ रहा है. इस सीट से भजनलाल का परिवार 1968 से कभी चुनाव नहीं हारा है. तब से अबतक हुए 12 विधानसभा चुनावों में 11 बार भजनलाल का परिवार चुनाव जीता है. आदमपुर सीट से कुलदीप विश्नोई 3 बार विधायक रह चुके हैं. इस बार वो चौथी बार विधायक बने हैं. साल 1998 में कुलदीप बिश्नोई पहली बार आदमपुर सीट से विधायक बने. जबकि भिवानी और हिसार से वो सांसद का चुनाव भी जीत चुके हैं. वो 14वीं और 15वीं लोकसभा के सदस्य भी रह चुके हैं.
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