नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एकता और अनुशासन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि संगठन को मजबूत करना व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से ऊपर होना चाहिए. 2022 की शुरुआत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की रणनीति तय करने के लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी को केंद्र सरकार की 'सबसे खराब ज्यादतियों' के खिलाफ अपनी लड़ाई को दोगुना करना चाहिए.
सोनिया गांधी ने प्रमुख मुद्दों पर पार्टी के संदेशों पर चिंता व्यक्त की, जो जमीनी कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंच रहे थे, और कहा कि राज्य के नेताओं के बीच भी स्पष्टता और एकजुटता की कमी है.
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी महासचिवों, प्रभारी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक में शामिल हुए. नेता पार्टी के नए सदस्यता अभियान की रणनीति बनाने और इसके लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए भी एक साथ आए हैं. यह अभियान एक नवंबर से शुरू हो रहा है और अगले साल 31 मार्च तक चलेगा.
अपने उद्घाटन भाषण में सोनिया ने कहा, 'मैं अनुशासन और एकता की सर्वोपरि आवश्यकता पर फिर से जोर देना चाहूंगी. हम में से प्रत्येक के लिए जो महत्वपूर्ण होना चाहिए वह संगठन की मजबूती है. इसे व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से ऊपर रखना चाहिए. इसमें सामूहिक और व्यक्तिगत सफलताएं दोनों निहित हैं.'
पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर जोर देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र, संविधान और कांग्रेस पार्टी की विचारधारा की रक्षा की लड़ाई झूठे प्रचार को पहचानने और उसका मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार होने के साथ शुरू होती है.
उन्होंने कहा, 'हमें भाजपा-आरएसएस के शातिर अभियान से वैचारिक रूप से लड़ना चाहिए. हमें दृढ़ विश्वास के साथ ऐसा करना चाहिए और अगर हमें यह लड़ाई जीतनी है तो लोगों के सामने उनके झूठ का पर्दाफाश करना चाहिए.'
सोनिया गांधी ने कहा, 'यह मेरा अनुभव है कि वे (पार्टी नेता) ब्लॉक और जिला स्तर पर हमारे जमीनी कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंचते हैं. नीतिगत मुद्दे हैं जो मुझे हमारे राज्य स्तर के नेताओं के बीच भी स्पष्टता और एकजुटता की कमी लगती है.'
मोदी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा नीत सरकार ने हमारे संस्थानों को नष्ट करने की कोशिश की है, ताकि यह जवाबदेही से बच सके और हमारे संविधान के मूल मूल्यों को कमजोर करने की कोशिश की है ताकि यह खुद को निचले स्तर पर रख सके. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर ही सवाल उठाया है.
पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर राज्यों में विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने हैं.
बैठक के बाद उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश गदियाल ने कहा कि कांग्रेस उत्तराखंड में होने वाले चुनाव के लिए भाजपा का मुकाबला करने को तैयार है और कांग्रेस का हर कार्यकर्ता जोश से भरा हुआ है.