नई दिल्ली: एआईसीसी के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) को पुनर्गठित करने के एक दिन बाद, पार्टी पैनल के दो युवा सदस्यों ने "50 अंडर 50" के आदर्श का पालन नहीं करने के आरोप को निराधार बताया. इस मामले में एआईसीसी सचिव प्रभारी संगठन वामशी चंद रेड्डी ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने काह कि प्रदेश कांग्रेस समितियों के लिए अलग-अलग आरक्षण मानदंड अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के अक्टूबर 2022 में हुए प्लेनरी सत्र में अपनाया गया था. यह सत्र एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में खड़गे के चुनाव को मंजूरी देने के लिए आयोजित की गई थी.
कांग्रेस ने 2022 में उदयपुर के अपने चिंतन शिविर और रायपुर के महाधिवेशन में संगठन के सभी स्तरों पर 50 अंडर 50 यानी ऑफिस बियरर्स में से आधे लोगों की उम्र 50 साल से कम रखने की बात कही थी. लेकिन नई कार्य समिति में जिन 39 सदस्यों को शामिल किया गया, उनमें सिर्फ तीन नेता ही 50 वर्ष से कम उम्र के हैं. ये नेता हैं पायलट, गौरव गोगोई और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं विधायक कमलेश्वर पटेल. जहां पायलट 46 वर्ष के हैं, वहीं गौरव गोगोई 43 और कमलेश्वर पटेल 49 साल के हैं. इससे लेकर कांग्रेस को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.
हालांकि, इस बार कांग्रेस वर्किंग कमेटी में सदस्यों की संख्या बढ़ा कर 24 से 35 कर दी गई है. इससे पहले, 24 में से कांग्रेस अध्यक्ष को छोड़कर 11 सदस्यों को नामांकित किया जाता था और शेष का चुनाव होता था. एआईसीसी सचिव प्रभारी संगठन वामशी चंद रेड्डी ने नए नियम के तहत, यह निर्णय लिया गया कि 18 सदस्यों को चुना जाएगा जबकि 17 को पार्टी अध्यक्ष द्वारा नामित किया जाएगा. 18 निर्वाचित सदस्यों में से, कम से कम छह एससी, एसटी, अल्पसंख्यक, महिलाओं और युवाओं को होना था.