दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

भारतीय राजनयिकों को लेकर राहुल गांधी के बयान पर कांग्रेस नेता और विदेश मंत्री भिड़े

लंदन के कैब्रिंज यूनिवर्सिटी में आइडिया फॉर इंडिया कॉनक्लेव में कांग्रेस नेता ने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. इस दौरान उन्होंने विदेशों में काम करने वाले भारतीय राजनयिकों को लेकर टिप्पणी कर दी. विदेशी डिप्लोमेट के हवाले से राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय राजनयिक किसी की नहीं सुनते, वह अहंकारी हो गए हैं. इसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वे अहंकारी नहीं हुए बल्कि आत्मविश्वास के साथ जवाब दे रहे हैं.

Rahul Gandhi foreign service remark
Rahul Gandhi foreign service remark

By

Published : May 21, 2022, 10:30 PM IST

Updated : May 22, 2022, 10:38 AM IST

नई दिल्ली :भारतीय डिप्लोमैट परकांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गई हैं. विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय विदेश नीति की आलोचना करने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा था कि भारतीय विदेश सेवा अहंकारी हो गई है.

लंदन के कैब्रिंज यूनिवर्सिटी में आइडिया फॉर इंडिया कॉनक्लेव में शुक्रवार को राहुल गांधी ने कहा था कि कुछ यूरोपीय राजनयिकों ने उनसे कहा था कि आईएफएस पूरी तरह से बदल गया है, वे कुछ भी नहीं सुनते हैं और वे घमंडी हो गए हैं. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि यूरोपीय राजनयिकों ने भी उनसे कहा था कि भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी बता रहे थे कि उन्हें क्या आदेश मिल रहे थे. दोनों पक्षों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई.

टिप्पणी ने विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को यह कहते हुए पलटवार किया कि आईएफएस बदल गया है लेकिन यह घमंड नहीं बल्कि हमारे आत्मविश्वास के बारे में है. भारतीय विदेश मंत्री ने ट्वीट किया कि हां, भारतीय विदेश सेवा बदल गई है. हां, अधिकारी सरकार के आदेशों का पालन करते हैं. वे दूसरों के तर्कों का विरोध करते हैं, मगर इसे अहंकार नहीं आत्मविश्वास कहते हैं और इसे कहते हैं राष्ट्रीय हित की रक्षा.

बता दें कि 2019 में विदेश मंत्री बनने से पहले एस जयशंकर 2015-18 तक भारत के विदेश सचिव रहे. केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद से प्रतिक्रिया मांगी, जो राहुल गांधी के साथ आइडियाज फॉर इंडिया कॉन्क्लेव में शामिल हुए थे. खुर्शीद ने कहा कि वह विदेश मंत्री की टिप्पणियों से हैरान हैं. उन्होंने कहा कि यहां राहुल गांधी की टिप्पणी के बजाय दूसरों के विचारों को सुनना महत्वपूर्ण था.

जवाब में सलमान खुर्शीद ने ट्वीट किया कि यूरोपियन अधिकारियों के आकलन के बारे में राहुल गांधी के बयान पर विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया पर आश्चर्य हुआ. हमारे समय में भी आईएफएस में राष्ट्रहित भी सर्वोपरि था? सुनने की क्षमता आत्मविश्वास है, दूसरे तरीके से नहीं। क्या सरकार ने कहा है, सुनो मत? हमारे राजनयिक सरकारी नीति का पालन करते हैं. लेकिन ऐसा तब होना चाहिए जब उन्होंने आईएफएस में सेवा की हो. सुनें, आत्मसात करें और प्रतिक्रिया दें.

इस मुद्दे पर कांग्रेस के प्रवक्ता सुरजेवाला भी सामने आए. उन्होंने भारतीय राजनय़िकों पर एक पार्टी के एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया. अपने ट्वीट में सुरजेवाला ने कहा कि इसे विदेश नीति की धज्जियां उड़ाते हुए राजनीतिक आकाओं के अधीन होना भी कहा जाता है. इसे हमारे क्षेत्र पर अवैध कब्जे का सामना करने के लिए चीन के सामने खड़ा नहीं होना कहा जाता है. कॉन्क्लेव में राहुल ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि चीनी सैनिक लद्दाख में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर रहे हैं और वहां पुल बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह भारत के हितों के खिलाफ है और देश के सामने सुरक्षा चुनौती पेश करता है.

पढ़ें : मोदी से नफरत करते-करते राहुल गांधी अब भारत के खिलाफ ही दे रहे बयान: भाजपा

Last Updated : May 22, 2022, 10:38 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details