नई दिल्ली/पटनाः कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं वरिष्ठ नेता तारिक अनवर (Tarique anwar) ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि जदयू (JDU) में जल्द ही बड़ी टूट होगी. कई विधायक महागठबंधन में शामिल हो जाएंगे. जदयू के कई विधायक महागठबंधन के संपर्क में हैं. जदयू के कई विधायक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से नाराज चल रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा, बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी.
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (National General Secretary of Congress) ने कहा कि 'बिहार में बीजेपी नीतीश कुमार पर बहुत दबाव बनाकर रखती है. इससे जदयू के विधायक असहज महसूस करते हैं. कोविड-19 में बिहार सरकार की लापरवाही के कारण कई लोगों की मौत हो गई. कई लोग गंभीर रूप से बीमार हुए. स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है. इस कारण से भी जदयू विधायकों एवं खासकर जनता में भी काफी नाराजगी है. बिहार की जनता नीतीश कुमार से छुटकारा चाहती है.'
'जबरदस्ती मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार'
तारिक अवनवर ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू तीसरी नंबर की पार्टी बनी. नीतीश कुमार जबरदस्ती मुख्यमंत्री बने हुए हैं. जनता ने उनको रिजेक्ट कर दिया था. बिहार में नीतीश सरकार जल्द गिर सकती है. क्योंकि जदयू के कई विधायक महागठबंधन में आएंगे. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी. कांग्रेस का एक भी विधायक बिहार में टूटने वाला नहीं है. कोई भी विधायक जदयू में नहीं जाएगा.
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लोजपा के बाद जदयू की नजर कांग्रेस पर
बता दें कि जदयू की तरफ से दावा किया गया था कि लोजपा के बाद अब बिहार में कांग्रेस में टूट होगी. कांग्रेस के करीब 19 में से 14 या 15 विधायक जदयू के संपर्क में हैं. लेकिन तारिक अनवर ने जदयू के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि जदयू के कई विधायक महागठबंधन में आने वाले हैं. बता दें कि लोजपा में जो टूट हुई है, उसमें जेडीयू की अहम भूमिका मानी जा रही है. 6 में से 5 सांसद बागी हो गए हैं. लोजपा के बाद जदयू की नजर कांग्रेस पर है.
तीसरी बार तोड़ने की कोशिश
जेडीयू तीसरी बार कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश में है. एक बार तो उसे कामयाबी भी मिल चुकी है. पार्टी ने अशोक चौधरी के नेतृत्व में चार विधान पार्षदों को अपने साथ लाने में सफलता हासिल की थी. हालांकि विधायकों को तोड़ने में नीतीश कुमार दूसरी बार नाकामयाब साबित हुए थे. संख्या बल पूरे नहीं होने के चलते तब टूट टल गई थी. किसी भी दल में टूट को वैधानिक दर्जा दिलाने के लिए दो तिहाई विधायकों की संख्या होनी चाहिए. ऐसे में कांग्रेस पार्टी में फिलहाल 19 विधायक हैं और अगर 13 विधायक टूटते हैं तभी विधायकों की सदस्यता बच सकती है.
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