मीडिया से बात करते कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद. मथुराःधर्मनगरी पहुंचे कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Congress leader Salman Khurshid) ने कहा कि कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह प्रकरण (Krishna Janmabhoomi and Shahi Idgah case) को लेकर कहा कि अगर कहीं पर बातचीत से या किसी के सहयोग की कुछ बनता है तो मथुरा के लोग उस पर निर्णय लेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं राम और कृष्ण का नाम क्यों नहीं ले सकता हूं. भगवान सबके हैं.
एक निजी होटल में आयोजित वार्ता में उन्होंने कहा कि अनिवार्य है कि हम भारत को जोड़कर रखें. देश कहीं बिखर न जाए इसी के मद्देनजर राहुल गांधी ने इस यात्रा की घोषणा की थी. और लगातार वह 2800 किलोमीटर पैदल चले. इस यात्रा के साथ कई ऐसे लोग जुड़े जो कांग्रेसी नहीं हैं.
वहीं, जब सलमान खुर्शीद से पूछा गया कि बीजेपी ने कहा है टूटी कांग्रेस को जोड़ने की यह यात्रा है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस टूटी है तो हम जोड़ रहे हैं. इसमें क्या हर्ज है. हर हर चीज जोड़ना चाहते हैं. देश का हर संस्थान जोड़ना चाहते हैं. हम चाहते हैं यह यात्रा जनता की यात्रा मानी जाए.
वहीं, जब उनसे पूछा गया कि आपने कहा था कि राहुल जी की खड़ाऊ लेकर के यूपी जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि आपको मेरे सिर पर कुछ दिखाई दे रहा है क्या. वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या पद यात्रा के माध्यम से कांग्रेस को जोड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने मिलकर यह तय किया था कि एक अध्यक्ष ऐसा होना चाहिए कि जिसका अनुभव कांग्रेस में समर्पित हो. खड़गेजी के रूप में हमें वैसा नेता मिल गया है. वह संगठन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं.
वहीं, जब सलमान खुर्शीद से कहा गया कि आपके नाम से भाजपा को काफी तकलीफ है तो उन्होंने कहा कि सलमान के नाम से तकलीफ है या राम के नाम से तकलीफ है. भगवान राम का नाम मैंने लिया है, क्या मैं भगवान का नाम नहीं ले सकता हूं. मैं मथुरा में हूं, क्या मैं कृष्ण भगवान का नाम नहीं ले सकता हूं. हमारा अपना मजहब कुछ भी हो, एक देश की, एक भारतीय की आस्था है जिसका सम्मान हो. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर वह सम्मान करने को भी अपमान मानते हैं तो सम्मान के जो शब्द हैं वह मुझे बता दें. मैं वही इस्तेमाल करूंगा, लेकिन वह मुझे यह न बताएं कि आप भगवान से संबंधित नहीं हो सकते, यह हमारे भगवान हैं. भगवान सबके हैं.
वह बोले कि हमें किसने सिखाया महात्मा गांधी ने सिखाया. हम उसी सीख पर चलते हैं. जो स्क्रिप्ट भारतीय जनता पार्टी या आरएसएस लिखती है हम उस पर नहीं चलते हैं. मुझे गर्व है कि मैंने भगवान राम का नाम लिया. मैंने भगवान राम की जीवनी से प्रेरित होकर यह कहा कि जैसे उनका संदेश खड़ाऊ से जाता था, वैसे ही आज मैं अपने नेता का संदेश अपने नेताओं की खड़ाऊ से लेकर आपके बीच आया हूं.
जब सलमान खुर्शीद से पूछा गया कि अगर आपको भगवान राम से इतना प्रेम है तो क्या अयोध्या में बने राम मंदिर में भगवान के दर्शन करने के लिए जाएंगे तो उन्होंने कहा कि क्या हमारे नेताओं को मंदिर में बुलाने का कभी किसी ने प्रयास किया है. हम तो कहते थे कि बैठकर समझौता कर लो लेकिन बैठकर समझौता नहीं हुआ जब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया तो हमने वह निर्णय स्वीकार किया और क्या कर सकते हैं. आप बताइए और क्या करना चाहिए. अगर वह भगवान का घर है तो उसके दरवाजे किसी के लिए बंद नहीं हो सकते. भगवान के दरवाजे हमेशा सबके लिए खुले रहेंगे और सब को वहां आमंत्रित करना चाहिए. प्रोत्साहित करना चाहिए सब को यह कहना चाहिए कि तुम भी जाओ भगवान के दर्शन करके आओ. डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को लेकर उन्होंने कहा कि वह वकील हैं, वकालत मैं उन्हीं की वजस से सीखा हूं. एक बात उनसे नहीं सीख पाया कि पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में कैसे जाते हैं. वह मैं नहीं सीख पाया. श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में है इसलिए टिप्पणी नहीं करूंगा. इतना जरूर कहूंगा कि मथुरा के लोग भी सौहार्द्र चाहते हैं. जब अयोध्या में बैठकर बात हो सकती थी तो मथुरा के मामले में भी ऐसी बात हो सकती है. अगर कहीं पर बातचीत से या किसी के सहयोग की कुछ बनता है तो मथुरा के लोग उस पर निर्णय लेंगे. वहीं, निकाय चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से तैयार हैं.
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