नई दिल्ली :भारतीय राजनीति के चर्चित युवा चेहरों में शुमार हैं राजस्थान के युवा व जुझारू कांग्रेसी नेता सचिन पायलट (Congress Leader Sachin Pilot). सचिन पायलट को जुझारु तेवर व बागी स्वभाव शायद पिता से मिला है, जो अपने राजनीतिक जीवन में वसूलों से समझौता नहीं किया करते थे. एक राजनेता होने के साथ साथ युवाओं के लिए आदर्श व मोटिवेशनल वक्ता के रुप में चर्चित हैं. इन्होंने भारतीय राजनीति का में युवा नेतृत्वकर्ता के रूप माना जाता हैं. सचिन पायलट के जन्मदिन पर उनके निजी व राजनैतिक जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें आप सभी से ईटीवी भारत साझा करने कोशिश कर रहा है.
सचिन पायलट का जन्म 7 सितम्बर 1977 को सहारनपुर उत्तर प्रदेश में हुआ था, लेकिन इनका राजनीतिक जीवन राजस्थान में गुजरा. सचिन पायलट के पिता स्वर्गीय राजेश पायलट कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार किए जाते थे. पायलट की प्रारंभिक शिक्षा नयी दिल्ली के एयर फोर्स बाल भारती स्कूल में हुई. इसके बाद उन्होंने अपनी स्नातक की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पूरी की. इसके बाद पायलट ने अमरीका स्थित पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय के व्हॉर्टन स्कूल से एमबीए की डिग्री भी हासिल की.
बताया जाता है कि अपनी स्नातक पूरी करने के दिल्ली ब्यूरो ऑफ़ ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कॉर्पोरेशन और उसके बाद अमेरिकन मल्टीनेशनल कॉर्पोरेशन जनरल मोटर्स में दो साल काम किया. साथ ही अमरीका स्थित पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय के व्हॉर्टन स्कूल से एमबीए की डिग्री भी हासिल की. इस दौरान उन्होंने बहुराष्ट्रीय प्रबंधन और वित्त में विशेषज्ञता हासिल की. अपनी एमबीए डिग्री पूरी करने के बाद उन्होंने राजनीति में शामिल होने का फैसला किया, क्योंकि पिता की मौत के बाद उनको पिता की राजनीतिक विरासत संभालनी थी.
ऐसा रहा राजनीतिक सफर (Sachin Pilot Political Profile)
सचिन पायलट का राजनीतिक सफर भी काफी दिलचस्प है. भारत लौटने पर सन 2002 में अपने पिता के जन्मदिन 10 फरवरी को सचिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए. राजनीति में आने के फैसले के बाद केवल 26 साल की उम्र में वह 14 वीं लोक सभा के लिए राजस्थान के दौसा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के सबसे कम उम्र के सांसद के रूप में चुने गए. इसके बाद वह 2009 के लोकसभा चुनाव वह अजमेर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा से सांसद चुने जाने के बाद यूपीए सरकार में राज्य मंत्री बने. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार में विभिन्न समितियों को अपनी सेवाएं दीं. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में अजमेर सीट हार गए. तब वह 2014 में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाकर पार्टी को सरकार में लाने की कोशिश की और 2018 विधानसभा चुनावों में पार्टी को सत्ता में लेकर आए. इस दौरान उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावना थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया तो सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री बनाए गए. वर्तमान में वे राजस्थान के टोंक विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.
हालांकि मुख्यमंत्री गहलोत से कुछ राजनीतिक मुद्दों पर मतभेद होने के कारण पहले वह प्रदेश अध्यक्ष पद से हटे तो उनकी जगह राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रुप में गोविन्द सिंह डोटासरा की तैनाती हुयी. बाद में 14 जुलाई 2020 को राजस्थान में चले राजनीतिक उठापटक के बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया. लेकिन कांग्रेस नेतृत्व में भरोसा करके वह बिना किसी पद के कांग्रेस पार्टी में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले कांग्रेस ने मास्टर स्ट्रोक खेलेगी और सचिन पायलट को एक बड़ी जिम्मेदारी देकर समर्थकों को खुश करने की कोशिश करेगी.
चर्चा में था प्रेम विवाह (Sachin Pilot Love Marriage)
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के राजनीतिक करियर की तरह सचिन पायलट का प्रेम विवाह भी काफी चर्चा का विषय बना रहा. एक पारिवारिक कार्यक्रम में फारूक अब्दुल्ला की बेटी सारा अब्दुल्ला से मुलाकात के बाद वह एक दूसरे के नजदीक आने लगे और पारिवारिक विरोध व सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए अंतर्जातीय विवाह किया. इनके लव स्टोरी व विवाह की कहानी भी काफी दिलचस्प है.
बताया जाता है कि सचिन व सारा की दोस्ती अमेरिका में पढ़ाई के दौरान परवान चढ़ी, जहां पर दोनों अक्सर मिला जुला करते थे. एक बार सारा ने अपनी मां से अपने दिल की बात बताकर सचिन को अमेरिका में ही मिलवाया था. तब उनकी मां सचिन की हंसी पर फिदा हो गयीं थीं. इसके बाद सचिन ने भी अपनी प्रेम कहानी मां रमा पायलट को बताकर शादी का प्रस्ताव रखा. पर दोनों परिवारों में इसे स्वीकार करना मुश्किल लगने लगा था. दोनों परिवारों को अपना राजनीतिक भविष्य खतरे में दिख रहा था. पर दोनों प्रेमी भी जिद के पक्के थे. दोनों के मिलने जुलने पर जब पाबंदी बढ़ने लगी तो सचिन और सारा ने शादी का फैसला किया. 2004 में पायलट का विवाह सारा अब्दुल्लाह के साथ हुआ तो इस शादी में फारुख अब्दुल्ला व उमर अब्दुल्ला शामिल नहीं हुये. हालांकि अब परिवार के बीच दोनों सहर्ष स्वीकार हैं. दोनों के दो बेटे हैं जिनका नाम ऑरन पायलट व विहान पायलट है. दोनों अक्सर मां के साथ देखे जाते हैं.