जयपुर.उपराष्ट्रपति पद पर राजस्थान के जगदीप धनखड़ की उम्मीदवारी को अब पार्टी पॉलिटिक्स से अलग हटकर देखने की पुरजोर मांग राजस्थान में उठने लगी है (Randeep Dhankhar on Jagdeep Dhankhar). जगदीप धनखड़ के छोटे भाई और कांग्रेस नेता रणदीप धनखड़ ने उड़ीसा का उदाहरण दे गहलोत सरकार को सलाह दी है. उन्होंने कहा कि जब उड़ीसा में द्रौपदी मुर्मू को लेकर सीएम नवीन पटनायक पार्टी पॉलिटिक्स से अलग हटकर समर्थन का एलान कर सकते हैं तो धनखड़ भी राजस्थान से हैं.
आरटीडीसी के पूर्व चेयरमैन और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रणदीप धनखड़ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह बात कही. धनखड़ ने कहा कि बड़े भैया जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति जैसे बड़े पद पर प्रत्याशी बनाया जाना पूरे राजस्थान के लिए खुशी की बात है. उन्होंने कहा कि एनडीए ने जब से बड़े भाई जगदीप धनखड़ को प्रत्याशी बनाने का एलान किया है तब से ही उनके पास विभिन्न दलों के नेताओं के फोन आ रहे हैं और वो बधाई दे रहे हैं. फिर चाहें वो बीजेपी के हों या फिर कांग्रेस के नेता हर कोई इस निर्णय से खुश है और उत्साहित है.
उपराष्ट्रपति पद पर राजस्थान के जगदीप धनखड़ को बनाया उम्मीदवार. पूरा परिवार उत्साहित, घर में बधाई देने वालों का लगा तांता: उपराष्ट्रपति के प्रत्याशी जगदीप धनखड़ राजस्थान के झुंझुनूं से ही आते हैं और वो यहां से विधायक, सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. पेशे से वकील जगदीप धनकर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे और सुप्रीम कोर्ट तक उन्होंने वकालत की. राजस्थान से उनके जुड़ाव के कारण ही अब उनके परिजनों के यहां बधाई और शुभकामनाएं देने वालों का तांता लगा हुआ है. रणदीप धनखड़ कहते हैं कि भैया ने स्कूली शिक्षा गांव में ही ली और फिर सैनिक स्कूल में शिक्षा लेने के साथ ही जयपुर के राजस्थान विश्वविद्यालय से विधि की शिक्षा ली और जयपुर से वकालत शुरू की. उन्होंने कहा कि उनके बड़े भाई काफी मेहनत कर रहे हैं और इसी मेहनत और निष्ठा के चलते आज वे इस मुकाम पर हैं.
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रणदीप धनखड़ यह भी कहते हैं की केंद्रीय कृषि कानून और उसके बाद हुए किसान आंदोलन का मुद्दा अब पुराना हो चुका है. उनके अनुसार किसान परिवार से आने वाले जगदीप धनखड़ को एनडीए ने काफी सोच समझकर ही अपना प्रत्याशी बनाया है और उनके इस निर्णय से पूरे राजस्थान में खुशी की लहर है. रणदीप धनखड़ के अनुसार उपराष्ट्रपति पद पर एनडीए प्रत्याशी जगदीप धनखड़ की जीत तय है.