पटनाः कांग्रेस नेता राहुल गांधी मोदी सरनेमको लेकर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर बुधवार पटना में एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश होने वाले थे, लेकिन उनके वकील ने कोर्ट में आवेदन देकर उन्हें उपस्थिति से छूट की मांग की. जिसके बाद कोर्ट ने उनको 25 अप्रैल को सशरीर पेश होने का आदेश दिया है. उधर, इस पूरे मामले में याचिकाकर्ता और बीजेपी सांसद सुशील मोदी के वकील ने बेल कैंसिलेशन करने और उनको पटना में सिविल कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश देने के लिए आवेदन दिया है.
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2019 का है मामलाःपटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें सीआरपीसी की धारा 317 के तहत कोर्ट में पेश होकर बयान दर्ज कराने के लिए समन भेजा है. यह मुकदमा 2019 में सुशील कुमार मोदी ने दायर किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने मोदी समुदाय को चोर बताकर उनका अपमान किया है. बाद में राहुल ने कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया था, जिसके बाद उन्हें जमानत मिल गई थी. इस मामले में सुशील कुमार मोदी समेत पांच लोगों की गवाही पूरी हो गई है. मामले के याचिकाकर्ता सुशील मोदी का कहना है कि राहुल गांधी ने देश के लाखों मोदी सरनेम वालों को गाली दी है. पिछड़े समाज के जिन लोगों का सरनेम मोदी है, राहुल ने उनका अपमान किया है.
सूरत कोर्ट से मिल चुकी है दो साल की सजा:आपको बता दें कि इससे पहले सूरत की अदालत ने मोदी उपनाम पर अपनी टिप्पणी के संबंध में एक आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को अधिकतम दो साल की जेल की सजा सुनाई है. सजा सुनाए जाने के बाद राहुल की संसद की सदस्यता भी रद्द कर दी गई है. सदस्यता रद्द होने के बाद उन्हें सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ गया. इस सजा के खिलाफ राहुल ने ऊपरी अदालत में अपील की है. फिलहाल राहुल को उस मामले में भी जमानत मिली हुई है.