नई दिल्ली : वैज्ञानिक उपकरणों पर जीएसटी में वृद्धि की आलोचना करते हुए, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने रविवार को कहा कि सरकार सोचती है कि हमारे लिए आवश्यक सभी वैज्ञानिक ज्ञान आकाश की ओर देखकर और अपने अतीत की फिर से कल्पना कर प्राप्त किए जा सकते हैं. उन्होंने ट्वीट किया, अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के लिए आवश्यक वैज्ञानिक उपकरणों पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12-18 प्रतिशत कर दिया गया. यह क्रूर फैसला विज्ञान मंत्रालय के बजट आवंटन को पिछले साल से 3.9 फीसदी कम करने के बाद किया गया है.
घरेलू सामानों पर जीएसटी दरों में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. प्रिंटिंग, राइटिंग या ड्रॉइंग इंक, कटिंग ब्लेड वाले चाकू, चम्मच, कांटे, पेपर चाकू, पेंसिल शार्पनर और एलईडी लैंप जैसे उत्पादों पर टैक्स की दरों को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है. 5,000 रुपये प्रति दिन से ऊपर के अस्पताल के कमरों पर भी पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा, हालांकि आईसीयू बेड में छूट दी गई है.
कांग्रेस ने कहा कि ये दर संशोधन ऐसे समय में आया है जब मुद्रास्फीति आम आदमी की जेब पर डाका डाल रही है. पार्टी के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा, 'मोदी सरकार द्वारा खाद्य पदार्थो पर मूल्य वृद्धि और जीएसटी के तत्काल मुद्दों पर बहस करने से इनकार करना एक समस्या है.'