मुंबई : कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवारों की घोषणा के एक दिन बाद अभिनेत्री से नेता बनीं नगमा ने सोमवार को संसद के उच्च सदन में जगह नहीं मिलने पर अपना असंतोष जताया है. नगमा ने ट्विटर पर कहा, "सोनिया जी, हमारी कांग्रेस अध्यक्ष ने व्यक्तिगत रूप से 2003/04 में मुझे राज्यसभा भेजने का वादा किया था तब मैं उनके कहने पर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुई थी. तब हम सत्ता में नहीं थे. तब से लेकर 18 साल हो गए हैं परंतु उन्हें अवसर नहीं मिला. इमरान को महाराष्ट्र से राज्य सभा के लिए नामित किया गया है. मैं पूछती हूं कि क्या मैं कम योग्य हूं. "
फिर नगमा ने कहा "हमारी 18 साल की तपस्या भी इमरान भाई के सामने कम पड़ गई." कांग्रेस पार्टी ने रविवार को 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए सात राज्यों के 10 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की. सूची से कई प्रमुख नेताओं के नाम गायब हैं, जिससे पार्टी में असंतोष की आवाजें उठ रही हैं. राजस्थान से रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को उम्मीदवार बनाया गया है. ये तीनों नेता राजस्थान के नहीं हैं.
राजस्थान के सिरोही से कांग्रेस विधायक संयम लोढ़ा ने पूछा कि राजस्थान से किसी को उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया गया है. "कांग्रेस पार्टी बताए कि राजस्थान के किसी कांग्रेस नेता/कार्यकर्ता को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार न बनाने का क्या कारण है?" उन्होंने रविवार को एक ट्वीट में लिखा. राजस्थान के रहने वाले पवन खेड़ा कांग्रेस में राज्यसभा के दावेदार थे. लेकिन उनका नाम भी सूची में शामिल नहीं है. लिस्ट जारी होने के बाद उन्होंने ट्वीट किया, 'शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई है. कांग्रेस ने रविवार को राज्यसभा चुनाव के लिए इमरान प्रतापगढ़ी और रंजीत रंजन जैसे स्पष्ट रूप से हल्के उम्मीदवारों को चुना, जो कि दिग्गज गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा को टिकट दिए जाने की अटकलों के विपरीत है. पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के एक कवि प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से मैदान में उतारा गया है.