भोपाल : कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई (Madhya Pradesh unit of Congress) के अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) ने पेगासस जासूसी कांड (Pegasus Detective Scandal) को लोगों की निजता, प्रजातंत्र एवं भारतीय संविधान पर सबसे बड़ा हमला बताया. इसके साथ ही उन्होंने इस पूरे मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग की.
इसके अलावा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा, केन्द्र सरकार उच्चतम न्यायालय में हलफनामा देकर स्पष्ट करे कि उसने इजराइली स्पाईपवेयर पेगासस ना तो खरीदा है और ना ही उसका लाइसेंस लिया है.
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि कर्नाटक की जनता दल (एस) और कांग्रेस की गठबंधन वाली पूर्व सरकार गिराने के लिए स्पाईवेयर का उपयोग किया गया. इसके अलावा, सत्तारूढ़ भाजपा नीत केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान के विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का भी लगातार प्रयास चलता रहा. उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को पत्र लिखा था कि उनका (व्हाट्सएप) अकाउंट निगरानी में है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, पेगासस स्पाइवेयर फोन में हर चीज पर जासूसी करता है, जिसमें मेल, मैसेज और पासवर्ड शामिल हैं. सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि अन्य कंपनियों के भी ऐसे सॉफ्टवेयर खरीदे गए या नहीं.
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उन्होंने भाजपा नीत केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ये देश की मीडिया को दबा दें, लेकिन विश्व की मीडिया को ये दबा नहीं सकते. पेगासस जासूसी मामला लोगों की निजता, प्रजातंत्र एवं भारतीय संविधान पर सबसे बड़ा हमला है. यदि इस मामले की जांच कराएं तो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से करवाएं. (इस जांच के लिए ) न्यायाधीश की नियुक्ति विपक्षी दलों की सहमति से होनी चाहिए.
कमलनाथ ने बताया कि पेगासस जासूसी मामले की फ्रांस ने जांच शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन पोस्ट और लंदन गार्जियन ने ये फोन टैपिंग का जासूसी मामला छापा है तो केन्द्र सरकार उन पर मुकदमा चलाए कि ये भारत को अपमानित कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, केन्द्र सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए की यह स्पाईवेयर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खरीदा गया या (प्रधानमंत्री) मोदी की सुरक्षा के लिए खरीदा गया था.
उन्होंने कहा कि एनएसओ ग्रुप ने कहा, वह केवल संप्रभु सरकारों को ही स्पाईवेयर उपलब्ध कराता है. उन्होंने कहा कि ऐसी खरीददारी के लिए केन्द्र की एक तकनीकी समिति मूल्यांकन करती है.