मेरठ : यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जारी सियासी रस्साकशी के बीच बयानों की सियासत का आलम यह है कि अब नेताओं के हुलिए और पहनावे से लेकर उनके निजी जीवन तक को सियासी मंचों से उछाला जा रहा है. जाति और धर्म को दरकिनार कर सर्वधर्म समन्वय की बात करने वाली पार्टियां भी अब पुराने ढर्रे पर चल सूबे में सरकार बनाने की गणित को साधने में लगी हैं.
कोई मंच से लाल टोली पर तंज कस रहा है तो किसी को जिन्ना और गन्ना की फिक्र सता रही है. यहां तक छोटी पार्टियों संग गठबंधन की गांठ के बूते अब सियासी वैतरणी पार करने की तैयारी हो रही है. खैर, इन सभी मुद्दों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बेबाकी से अपनी राय जाहिर करते हुए ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
लाल टोपी और जिन्ना को लेकर शुरू हुई सियासी बयानबाजी को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए उन्होंने कहा कि यूपी में हो रहे गठबंधनों को वो 'मुताह' मानते हैं. जिसकी कोई निर्धारित अवधि नहीं है. यानी आज संग है, कल की कोई गारंटी नहीं. वहीं, जब यूपी में कांग्रेस को कमजोर होने की वजह के बाबत सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जनतंत्र में सारी शक्तियां जनता में निहित होती है. जनता जिसे चाहे सिंहासन देती है, जिसे चाहे उतार देती है.
उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी के परिवार ने देश के लिए बलिदान दिए हैं. प्रियंका सूबे की सियासत में सक्रिय हो बेहतर काम कर रही हैं. ऐसे में यूपी की जनता को फैसला करना है कि वो किस पार्टी को वोट करेंगे. उन्हें जिन्होंने 32 सालों में यूपी को बर्बाद किया है या फिर उसे जो विकास को अग्रसर है.