कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के बयान ने मचाया बवाल, बोले-कुछ कांग्रेसियों को राम से..., BJP ने कसा तंज
Acharya Pramod Krishnam Statement on Congress: एक तरफ मध्य प्रदेश में चुनावी प्रचार अपने चरम पर है. कई दिग्गज नेता एमपी पहुंचकर सभाएं कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम पार्टी से अलग बयान देकर सुर्खियों में आ गए हैं. उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर भगवान राम को लेकर आरोप लगाए हैं.
भोपाल।कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. इस बार वे बीजेपी पर नहीं बल्कि अपनी ही पार्टी पर बयान देकर सुर्खियों में आ गए हैं. दरअसल, 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा होने की जब से जानकारी सामने आई है, तभी से देश और प्रदेश में राम मंदिर चुनावी मुद्दा बन गया है. वहीं इस बीच कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कुछ कांग्रेसी भगवान राम को नहीं मानते. उनके इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है.
आचार्य कृष्णम का बयान सुर्खियों में: कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम पिछले कुछ दिनों से पार्टी से नाराज नजर आ रहे है. एक बार फिर यह नाराजगी खुलकर सामने आई. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पार्टी के विरोध में बयान दिया है. उ्न्होंने कहा कि कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं, जिन्हें राम से नहीं बल्कि राम मंदिर से भी नफरत है. हिंदुत्व से नहीं बल्कि हिंदू शब्द से भी नफरत है. हिंदू धर्म गुरुओं का अपमान करना चाहते हैं. उन्हें अच्छा नहीं लगता कि कोई हिंदू गुरु पार्टी में आए.
बीजेपी ने प्रमोद कृष्णम के बयान पर किया पलटवार:वहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम के बयान को कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए नरेंद्र सलूजा ने X पर ट्वीट कर निशाना साधा है. नरेंद्र सलूजा ने लिखा कि कांग्रेस के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन खुद कह रहे है कि "कांग्रेस में कुछ नेता ऐसे है जो भगवान राम से, हिंदू धर्म से नफरत करते हैं, हिन्दू धर्म गुरुओं का अपमान करते है...." यह है कांग्रेस की सच्चाई...
स्वामी चक्रपाणि ने दी नसीहत:इसके साथ ही अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने भी प्रमोद कृष्णम को सलाह दी है. स्वामी चक्रपाणि ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस छोड़कर राम की शरण में आने की नसीहत दी है. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से राम और हिंदू विरोधी रही है. कांग्रेस अब कालनेमि बन चुकी है. लिहाजा आप जितनी जल्दी हो सके, कांग्रेस छोड़कर राम की शरण में आ जाएं. बता दें आचार्य प्रमोद कृष्णम चुनावी राज्यों में कांग्रेस का प्रचार नहीं कर रहे हैं. इसकी वजह उन्होंने खुद का धर्मगुरु होना बताया. उनका कहना है कि शायद पार्टी को चुनावी राज्यों में मेरी जरुरत महसूस नहीं हुई होगी. बाकि यह फैसला करना पार्टी का काम है.
प्रमोद कृष्णम पहले भी कांग्रेस पर उठा चुके हैं सवाल:गौरतलब है कि अगस्त महीने में एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा कराई थी. जहां पंडित धीरेंद्र शास्त्री के छिंदवाड़ा आगमन पर कमलनाथ और नकुलनाथ ने उनका सम्मान किया था. इसके बाद से ही एमपी की सियासत गरमा गई थी. विपक्षी पार्टियों के साथ आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट कर इस कथा का विरोध किया था. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि 'मुसलमानों के ऊपर “बुलडोज़र” चढ़ाने और RSS का एजेंडा हिंदू राष्ट्र की खुल्लमखुल्ला वकालत कर के “संविधान” की धज्जियां उड़ाने वाले “भाजपा” के स्टार प्रचारक की आरती उतारना कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को शोभा नहीं देता. आज रो रही होगी गांधी की “आत्मा” और तड़प रहे होंगे पंडित नेहरू और भगत सिंह, लेकिन सैक्यूलरिज्म के ध्वज वाहक सब खामोश हैं.
जब कमलनाथ ने दिया था प्रमोद कृष्णम को जवाब: इस बयान के बाद बीजेपी ने कमलनाथ और कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया था. आचार्य प्रमोद कृष्णम और बीजेपी के सवालों पर कमलनाथ ने भी जवाब दिया था. उन्होंने बिना नाम लिए कहा था कि धीरेंद्र शास्त्री की कथा छिंदवाड़ा का सौभाग्य है. सवाल उठाने वालों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है.